कांग्रेस ने इस बार आधिकारिक बयान में इस बात को स्वीकार किया है कि 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन सोनिया गांधी और बाक़ी कांग्रेस नेताओं के सामने पेश की है.
पाँच राज्यों में चुनाव हारने के बाद, कांग्रेस काफ़ी नाउम्मीद है. राहुल गांधी के बतौर कांग्रेस नेता दूसरी राजनीतिक पार्टी के नेता के साथ संबंध वैसे नहीं हैं जो विपक्षी दल के सर्व स्वीकार्य नेता के तौर पर उनके होने चाहिए. प्रशांत किशोर ने विपक्ष की क्षेत्रीय पार्टियों में कईयों के साथ काम किया है. कांग्रेस के लिए विपक्षी एकजुटता में स्वीकार्यता बढ़ाने का काम प्रशांत किशोर बखूबी कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर इस बात को जानते हैं और मानते हैं कि कांग्रेस एक बार दोबारा खड़ी हो सकती है.
कांग्रेस भले ही आज पार्टी के तौर पर क्षीण हो गई हो, सीटों के लिहाज से कमज़ोर हो गई, लेकिन आज भी कांग्रेस 12 करोड़ वोट की पार्टी है. प्रशांत किशोर इस बात को जानते हैं और मानते हैं कि कांग्रेस एक बार दोबारा खड़ी हो सकती है. पहले उनकी जो बातचीत कांग्रेस नेतृत्व से हुई थी, उसमें प्रशांत किशोर की कुछ शर्तें पार्टी को शायद मंजूर नहीं थी. लेकिन इस बार बातचीत के पहले कोई ग्राउंड बना है ऐसा लगता है. नहीं तो कांग्रेस की तरफ़ से आधिकारिक बयान नहीं आता, जो इस बार आया है. इस वजह से लगता है कि आने वाले दिनों में उनकी और कांग्रेस की कुछ डील हो सकती है.
प्रशांत किशोर ने तब राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए कहा था, “नेता इस धोखे में न रहें कि लोग मोदी से नाराज़ हैं और वो मोदी को हरा देंगे. हो सकता है कि वो मोदी को हरा दें लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही है. पार्टी आने वाले कुछ दशकों तक राजनीति में बने रहने वाली है. राहुल गांधी के साथ शायद यही समस्या है कि उन्हें लगता है कि वक्त की बात है, लोग आपको सत्ता से निकाल फेंकेंगे. ऐसा नहीं होने वाला है.”
बीजेपी पार्टी आने वाले कुछ दशकों तक राजनीति में बने रहने वाली है.
उन्होंने आगे कहा, “जब तक आप मोदी को नहीं समझेंगे, उनकी ताकत को नहीं समझेंगे आप उन्हें हराने की रणनीति नहीं तैयार कर सकेंगे. मैं जो समस्या देख रहा हूं वो ये है कि लोग न तो उनकी ताकत समझ रहे हैं और न ही ये कि वो क्या बात है जो उन्हें पॉपुलर बना रही है. जब तक आप ये नहीं जानेंगे आप उन्हें हरा नहीं सकते.”
कांग्रेस के पास कोई अच्छा मैनेजर नहीं है. कांग्रेस में नेतृत्व की दिक़्क़त तो है ही साथ ही चुनावी मैनेजमेंट करने वाले लीडर की भी दिक़्क़त है. अहमद पटेल की मौत के बाद वो कमी और खल रही है. ये नहीं मालूम की प्रशांत किशोर उनकी जगह पार्टी में ले पाएंगे या नहीं, लेकिन मजबूर कांग्रेस भी है.
इस बार कांग्रेस के साथ उनकी बात बनती है, तो सबकी नज़र उनकी आगे होने वाली भूमिका पर रहेगी.फिलहाल सभी की निगाहें कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर है.
Read Also:
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!