इस बीमारी का स्थायी इलाज नहीं है। दवा काफी महंगा है। एक इंजेक्शन की कीमत लगभग 50 हजार रुपये है। ऐसे में एक मरीज को महीने में चार से पांच लाख रुपये तक का दवा खदीरने पड़ सकते हैं। इतनी राशि युवती के माता-पिता खर्च करने की स्थिति में नहीं है। वॉन विलेब्रांड टाइप-3 काफी गंभीर माना जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की आबादी का लगभग एक प्रतिशत लोग इस समस्या से प्रभावित हैं। वहीं, भारत में अभी तक इसका स्पष्ट डाटा उपलब्ध नहीं है। अधिकांश लोगों में इसकी समस्या जन्म से होती है, जिसके लक्षण कई सालों तक दिखाई नहीं देते हैं। इससे मरीजों की पहचान काफी देर से होती है। मरीजों की पहचान होने के बाद दोनों के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
कोल्हान क्षेत्र में पहली बार दो युवती वॉन विलेब्रांड बीमारी टाइप-3 से ग्रस्त मिली हैं। ये रेयर बीमारी है। एक मरीज जमशेदपुर के बागबेड़ा (23) व दूसरी साकची (14 साल) की रहने वाली है।
पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्त्राव
साकची निवासी युवती अभी तक इस बीमारी से बिल्कुल अनजान थी। जब उसकी पीरियड शुरू हुई तो उसका रक्तस्त्राव लगातार होने लगा। इस दौरान चिकित्सकों को संदेह हुआ तो उसे कोलकाता रेफर किया गया। वहां पर लैब में वॉन विलेब्रांड डिजीज की जांच कराई गई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। अब इलाज कैसे होगा, इसकी चिंता उसके परिजनों को सता रहा है। युवती के पिता का साकची में एक छोटे से दुकान है। उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
वेल्लोर गई थी आपरेशन कराने निकला वॉन विलेब्रांड
बागबेड़ा निवासी युवती 23 साल तक इस बीमारी से अनजान थी। उसमें कोई लक्षण नहीं मौजूद नहीं था। वे सिस्ट का आपरेशन कराने के लिए वेल्लोर गई थी। आपरेशन के बाद रक्तस्त्राव अधिक होने लगा। इस दौरान चिकित्सकों को संदेह होने पर उसकी जांच कराई गई तो वॉन विलेब्रांड बीमारी की पुष्टि हुई। मरीज की मां का निधन हो गया है। पिता नौकरी छोड़ बेटी की सेवा में लगे हैं। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
क्या है वॉन विलेब्रांड
वॉन विलेब्रांड रोग (वीडब्ल्यूडी) ब्लीडिंग डिसआर्डर से जुड़ी एक समस्या है। इसमें खून के थक्के जमने की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। यह बीमारी क्लाटिंग प्रोटीन की कमी के कारण होता है।
इस तरह के लक्षण को नहीं करें नजरअंदाज
- मासिक धर्म के दौरान काफी अधिक खून बहना।
- मूत्र या मल में खून आना।
- चोट लगने या सर्जरी के बाद बहुत ज्यादा खून बहना
- नाक से खून बहना जो 10 मिनट के अंदर बंद नहीं होता है।
- आसानी से चोट लगना या खरोंच होना।
- नोट : यह दूसरे अन्य बीमारी के भी लक्षण हैं।
क्या कहते हैं चिकित्सक
इस तरह के बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। हर जिले में जांच की सुविधा होनी चाहिए। ताकि समय पर बीमारी की पहचान हो सकें।
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