छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हाथियों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है. दर्जन से ज्यादा हाथियों के दल ने वनांचल इलाके में बसे ग्रामीणों के मकानों को तोड़कर तहस नहस कर दिया है. ग्रामीणों को हाथियों के लोकेशन के जानकारी सही समय पर नहीं मिल पा रही है क्योंकि वनकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.
वन विभाग के कर्मचारी वर्तमान में फील्ड पर नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में जंगली हाथियों का भय बना हुआ है. बता दें कि हाथियों के दल ने 15 से 20 मकानों को तोड़ दिया है और घर में रखे अनाज को भी चट कर गए हैं. ग्रामीणों के पास खाने-पीने का संकट भी गहराने लगा है. मामला लखनपुर ब्लॉक का है.
ग्रामीणों का मकान तोड़ाग्राम लोटाढोढी में हाथियों ने 15 से 20 ग्रामीणों के मकान को तोड़ दिया है. गांव में हाथियों की दहशत इस कदर है कि ग्रामीण हाथियों से बचने के लिए शाम होते ही अपने घरों को छोड़कर पहाड़ों की ओर चले जाते है और सुबह होते ही अपने घर चले आते हैं. ग्रामीण खुद को हाथियों से बचाने के लिए हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं लेकिन वन विभाग से इन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पा रही है.
सरगुजा में एक्टिव है हाथियों का 2 दल
वनमंडलाधिकारी पंकज कमल ने बताया कि सरगुजा वनमंडल में अभी 2 दल एक्टिव हैं. एक लखनपुर, मैनपाट और धरमजयगढ़ बॉर्डर एरिया में, तकरीबन 15 हाथियों का दल है. राजपुर और लुण्ड्रा बॉर्डर के आसपास 5 हाथियों का दल है. दोनों जगहों में मॉनिटरिंग की जा रही है.
हाथी मित्र दल के लोग, रेंजर, एसडीओ, फायर वाचर और समिति के लोग हैं, उनके माध्यम से वहां मॉनिटरिंग की जा रही है, प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है. अभी महुआ का सीजन है, ग्रामीण महुआ को एकत्र करके घरों में रखते हैं, उससे अट्रैक्ट होकर कहीं-कहीं हाथी घर तोड़ रहे हैं. लोगों को समझाया गया है कि, घरों में महुआ ना रखें और जंगल में जहां हाथी हैं वहां महुआ बिनने ना जाएं.
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