पोषण अभियान के सफल आयोजन को लेकर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश-उपायुक्त
पोषण अभियान के अन्तर्गत पोषण पखवाड़ा के सफल संचालन को लेकर आज 30 मार्च को समाहरणालय परिसर से उपायुक्त अरवा राजकमल ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। समाज कल्याण विभाग द्वारा पोषण पखवाड़ा को लेकर आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपायुक्त समेत अन्य वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य लोगों में पोषण संबंधी जानकारी व व्यवहार परिवर्तन है, ताकि कुपोषण के उन्मूलन में एक कदम आगे बढ़ा जा सके।
अतिकुपोषण की समस्या से ग्रसित प्रखंडों में विशेष रूप से चलेगा अभियान
पखवाड़े के दौरान गर्भवती माताओं को उनके खानपान की जानकारी देनी है, ताकि शिशु में कुपोषण को शुरुआती दौर में ही रोका जा सके। उपायुक्त ने कहा कि पोषण जागरूकता रथ शुरूआती दौर में विशेष रूप से वैसे प्रखंडों का भ्रमण करेगा, जहाँ अतिकुपोषण की समस्या है, वहां जाकर सैम-मैम बच्चों तथा कुपोषण ग्रसित महिलाओं के बीच जनजागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें पोषण युक्त भोजन ग्रहण करने के साथ-साथ शिशुओं में उचित पोषण स्तर को बढ़ावा देने के लिए माताओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के महत्वों के विषय में जानकारी प्रदान करेगी।
विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी
इसके पश्चात् जिले के अन्य ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पोषण जागरूकता रथ का मुख्य उद्देश्य सरायकेला जिले को कुपोषण मुक्त करते हुए सुपोषित बनाना है। इस अभियान के माध्यम से गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को बच्चे के जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाने हेतु प्रेरित करना, शिशुओं के छह माह पूरे होने पर उन्हें स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार की जानकारी देना तथा खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, शौच के बाद, कूड़ा-कचरा उठाने के बाद अपने हाथों को साबुन से धोने आदि विषयों की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
यह अभियान जिले भर में 21 मार्च से 04 अप्रैल तक
उपायुक्त ने कहा कि यह अभियान जिले भर में 21 मार्च से 04 अप्रैल तक चलाया जाना है। पोषण पखवाड़ा का दायित्व यह है कि जिले भर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अधिकाधिक संख्या में माताओं, किशोरियों तथा बच्चों को पोषण से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जाय। गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव हेतु सेविका/सहायिका मदद करती है। संस्थागत प्रसव के पश्चात बच्चे के पोषक तत्व व उसके से संबंधित जानकारी पोषण पखवाड़ा जागरूकता रथ के माध्यम से दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त बच्चों के खान-पान एवं कुपोषण से होने वाले दुष्परिणामों व पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाएगी। प्रथम 6 महीने माता का दूध बच्चें के विकास लिए सर्वोत्तम होता है। बच्चे के जन्म के 03 वर्ष तक उसे घर का खाना उपलब्ध कराया जाता है। तत्पश्चात आंगनबाड़ी केंद्र उसका नामांकन कराया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए बच्चे को उचित पौष्टिक आहार दिया जाता है, साथ ही साथ बच्चें को प्रारंभिक शिक्षा भी दी जाती है।
कोई माताएं व बच्चें छूटे न, सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश
उपायुक्त ने कहा कि पोषण जागरूकता रथ घर-घर जाकर गर्भवती माताओं एवं बच्चों को उचित पोषण एवं पौष्टिक आहार से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं, इस हेतु जिले के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने अपने कार्य क्षेत्र अंतर्गत सभी माताओं एवं बच्चों को ट्रैक करें। इस हेतु सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आवश्यक निर्देश दिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि पोषण पखवाड़ा जागरूकता रथ के माध्यम से जिले के सभी लोगों को पोषण, बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, माताओं एवं बच्चों के लिए उचित पौष्टिक आहार व अन्य की जानकारी दी जाए। बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं इसलिए उनकी सुरक्षा अतिआवश्यक है। उपायुक्त ने सभी जिलेवासियों से पोषण पखवाड़ा जागरूकता अभियान को सफल बनाने में अपेक्षित सहयोग करने की अपील की।
स्वस्थ बच्चों के परिवारों को पुरस्कृत करने की योजना
आगे जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि मानकों के आधार पर जिले में सभी बच्चों का आँकलन किया गया है एवं जो बच्चे स्वस्थ्य हैं, उनके परिवारों को पुरस्कृत करने का भी योजना बनाई जा रही है। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि जो बच्चे सैम केटेगरी में यानी अति कुपोषित की श्रेणी में आते है उन्हें पहचान कर जिले के MTC में लाकर उन्हें ठीक करना ही प्राथमिकता है। ज्ञात हो कि जिले में कुल 40 MTC बेड है जिसमे मात्र 10-12 बेड ही ओक्यूपाई रहते थे। लेकिन अब कुल 35-40 बेड ओक्यूपाई है, जबकि आज भी जिले में 400-500 बच्चे कुपोषित है। पिछले 2 महीनो में काफी बच्चे स्वस्थ्य हो ठीक हुए है।
यही उद्देश्य है वह बच्चे स्वस्थ एवं अति कुपोषित की श्रेणी में ना चले जाए। इस उद्देश्य से जिले में हर जगह प्रचार प्रसार गाड़ी चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से सभी प्रखंड एवं हाट बाजार में तथा आदित्यपुर शहरी क्षेत्र में यह जागरूकता दिया जा रहा है कि किस प्रकार पोषण अभियान के तहत हम जिला को कुपोषित होने से रोक सकते है और हम उम्मीद करते है कि आने वाले समय में पोषण के क्षेत्र में काफी सुधार होगा।
कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई,अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा निवेदिता राय, सभी CDPO समेत अन्य उपस्थित रहे।
सरायकेला : पोषण ट्रैकर एप्प से सम्बंधित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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