कोरोना माहमारी ने हमारे जीवन में उथल-पुथल मचा दिया. 2 साल पहले आई इस जानलेवा बीमारी ने पूरी दुनिया की तस्वीर ही बदल कर रख दी. अबतक लाखों लोग की जिंदगी चली गई. कई परिवारों ने तो एक से अधिक सदस्यों को हमेशा के लिए खो दिया.
कई बच्चों के माता-पिता का साया उनके सिर से उठ गया. उनकी पढ़ाई छुट गई. ऐसे ही अनाथ बच्चों को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु में केद्रीय विद्यालय ने 2022-23 सत्र में मुफ्त में एडमिशन देने का फैसला किया है. कोविड-19 के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले ऐसे 10 बच्चों को प्रत्येक स्कूल अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश देगा.
इन स्कूलों ने प्रवेश प्रक्रिया को लेकर बैनर भी लगाए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जो छात्र अपने माता-पिता को कोविड19 की वजह से खो चुके हैं, वे जिला कलेक्टर के माध्यम से स्कूलों से संपर्क कर सकते हैं. केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी मद्रास के प्रिंसिपल एम. मणिकासामी का कहना है छात्रों को उम्र के आधार पर स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा.
इतने छात्र हुए थे अनाथ
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के 387 छात्र महामारी के दौरान अनाथ हो गए थे. इन छात्रों ने अपने माता-पिता को खो दिए. वहीं 9,147 छात्रों में से किसी ने अपने पिता तो किसी ने अपनी मां को हमेशा के ले खो दिए.
पिछले दिनों तमिलनाडु सरकार ने इन छात्रों को फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और छात्रावास शुल्क के लिए ट्यूशन खर्च देने की घोषणा की थी. राज्य के सामाजिक रक्षा निदेशक एस. वालारमती का कहना है कि पिछले साल, केंद्रीय विद्यालय ने सरकारी आदेश जारी होने से पहले प्रवेश प्रक्रिया को पूरा कर लिया था. लिहाजा, अब वे इसे इस साल लागू करेंगे.
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