राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल सिर्फ कैदियों को रखने के लिए ही नहीं है. यहां पर अब पक्षियों का भी इलाज किया जाएगा. जेल परिसर में हाल ही में एक पक्षी देखभाल केंद्र खोला गया है.
जिसमें जेल परिसर में घायल हुए या बीमार हुए पक्षियों को इलाज मुहैया करवाया जाएगा. तिहाड़ जेल संख्या 4 में पक्षी सुरक्षा दिवस के अवसर पर तिहाड़ बर्ड केयर सेंटर का उद्घाटन एआईजी मुकेश प्रसाद और जेल अधीक्षक राजकुमार ने किया है. इसके साथ ही जेल के अंदर मौजूद सभी कैदियों से भी अपील की गई है कि वे पक्षियों के प्रति नर्म व्यवहार रखें और करुणा की ओर बढ़ें.
जेल संख्या 4 में ही कार्यरत हेड वार्डर योगेन्द्र कुमार जो पिछले कई साल से पक्षी संरक्षण का काम कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि तिहाड़ जेल में पिछले बीस वर्षो से पक्षियों की देखभाल का कार्य किया जा रहा था लेकिन घायल और बीमार पक्षियों के इलाज की यहां कोई सुविधा नहीं थी.
जिसके कारण ऐसे पक्षियों को बाहर अस्पताल ले जाना पड़ता था. इस दौरान कई पक्षियों की मृत्यु भी हो जाती थी. हालांकि अब तिहाड़ बर्ड केयर सेन्टर के स्थापित हो जाने के बाद तिहाड़ और दो अन्य जेल रोहणी और मण्डोली जेल में मौजूद पक्षियों को इलाज की सुविधा मिल सकेगी.
तीनों जेलों में इतने पक्षियों को मिलेगा इलाज
योगेंद्र बताते हैं कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का संरक्षण कार्य चल रहा है. इनमें दिल्ली की राज्य पक्षी गौरेया भी शामिल है. संरक्षण के बाद दिल्ली में पक्षियों की संख्या में अच्छा इजाफा देखा गया है. फिलहाल इन तीनों जेलों में 20 हजार से ज्यादा पक्षी मौजूद हैं.
लिहाजा इनमें घायल होने वाले या बीमार होने वाले पक्षियों का इलाज अब अब कारागार परिसर में ही सम्भव हो सकेगा. इससे अनेक पक्षियों की जान बच सकेगी. उन्होंने कहा कि तिहाड़ कारागार में स्थापित यह बर्ड केयर सेन्टर भारत का पहला केयर सेन्टर है जो पर्यावरण और पक्षियों को सुरक्षित करने के लिए किसी भी सरकारी संस्थान में स्थापित किया गया है.
इसलिए जरूरी हैं पक्षी
जेल में बर्ड केयर सेंटर में मौजूद कारागार अधीक्षक राजकुमार ने कहा कि जो व्यक्ति पशु-पक्षियों से प्रेम करता है वह प्रकृति प्रेमी होता है और क्रूरता से दूर रहता है. वहीं जेल उपाधीक्षक पी के आर्या ने पक्षियों के महत्व को सपष्ट करते हुए कहा कि पक्षी विभिन्न प्रकार के कीड़े-मकोड़ों को खाकर पर्यावरण संतुलन स्थापित करने के साथ-साथ कई बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं.
जबकि सहायक अधीक्षक योगेन्द्र सिंह ने कहा कि पक्षियों के द्वारा बीजों का स्थानान्तरण भी किया जाता है जिससे अनेक पेड़-पौधों का जन्म होता है और पर्यावरण की रक्षा होती है. इसलिये पक्षियों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है.
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