बिहार की राजधानी पटना के होटल मौर्य में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित एग्री एक्सपोर्ट सिंपोजियम में यह बात निकलकर आई कि वर्तमान में बिहार से कृषि निर्यात 2873 करोड़ का है। इसमें सबसे ज्यादा 1128 करोड़ चावल का निर्यात है। दूसरे स्थान पर मक्का है। प्रदेश से इसका निर्यात 593 करोड़ का है।
तीसरे स्थान पर गेहूं है, जिसका निर्यात 245 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा 84 लाख रुपये के आम का निर्यात है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप खेती की जाए।
पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर देना होगा जोर
विशेषज्ञों ने कहा कि जलवायु अनुकूल गैर परंपरागत कृषि पर भी जोर देना होगा। हम अपने उत्पाद को नेपाल और बांग्लादेश में तो खपा सकते हैं, पर यूरोपीय व खाड़ी देशों और अमेरिका आदि में निर्यात के लिए उस मानक पर खरा उतारना होगा। इसके लिए पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर जोर देना होगा। अभी पैकेजिंग की व्यवस्था नहीं है।
प्राकृतिक खेती समय की मांग
कृषि निर्यात में प्राकृतिक खेती की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। रासायनिक खेती से उत्पादित माल की दुनिया के बाजार में बहुत कम मांग है। बिहार के किसानों के लिए यह अच्छा अवसर है, क्योंकि अभी भी पंजाब एवं अन्य राज्यों की तुलना में यहां रासायनिक खादों का उपयोग कम है। इसका लाभ उठाना चाहिए।
उत्पादों का प्रमाणन जरूरी
निर्यात के लिए उत्पादों को प्रमाणन एजेंसी से अनुमति लेना बहुत जरूरी है, तभी उत्पाद बाजार में बिक सकता है। इस दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है।
क्या करना चाहिए : नाबार्ड बिहार के क्षेत्रीय अधिकारी डा. विभू दत्त नायक ने कहा कि किसानों के लिए कलस्टर बनाने की जरूरत है। गैर बासमती चावल का निर्यात सबसे ज्यादा बिहार से हो रहा है। कृषि निर्यात नीति 2018 में देश के साथ-साथ राज्यों को भी जोड़ा गया, जो बिहार के लिए लाभकारी साबित हुआ। बिहार के उत्पादों के विदेशों में निर्यात के लिए गुजरात और पश्चिम बंगाल के बंदरगाह से लाभ मिलता है। बिहार में लीची के लिए एग्री एक्सपोर्ट जोन है, लेकिन यहां अभी एयर ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है.
इस दडा के बिहार, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रीय प्रभारी डा. सीबी सिंह ने कहा कि बिहार में दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पटना और गया से कृषि उत्पादन का निर्यात कार्गो फ्लाइट के जरिए कराने की जरूरत है।
कोई बंदरगाह नहीं होने के कारण बिहार के उत्पाद गुजरात और पश्चिम बंगाल के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। पैकेजिंग सेंटर नहीं होने के कारण उत्पाद लखनऊ से भेजे जा रहे हैं। पटना के मीठापुर में एक केंद्र की स्थापना की जा रही है, जो इस साल तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। पटना से गंगा के रास्ते व्यापार की शुरुआत उम्मीद जगाती पहल है।
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!