नेशनल कंपनी लॉ बोर्ड ने ओरमांझी में बने मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क को दुबारा शुरू करने की योजना पर पुन: अमल करने का आदेश जारी किया है. इलाहाबाद बैंक की तरफ से मेगा फूड पार्क के प्रमोटरों के खिलाफ दिवालिया होने के बाद कार्रवाई करने की अपील की थी. एनसीएलटी के सदस्य (न्यायिक) वीके राजशेखर और सदस्य तकनीकी बलराज जोशी ने एक वर्ष के अंदर रीज्योल्यूशन प्लान के तहत दिये गये आदेश का अनुपालन करने को कहा है.
एनसीएलटी ने 10 फरवरी से ही मेगा फूड पार्क के लिए मोराटोरियम लागू कर दिया है. रीज्योल्यूशन प्रोफेशनल को यह आदेश दिया गया है कि वे रीज्योल्यूशन एप्लीकेंट को सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दें. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी, झारखंड के पास भी रीज्योल्यूशन प्रोफेशनल के द्वारा आदेश की प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है.
नीरज अग्रवाल बने NCLT की तरफ से रीज्योल्यूशन प्रोफेशनल
NCLT ने नीरज अग्रवाल को रीज्योल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) नियुक्त किया है. 14 सितंबर 2021 को मेगा फूड पार्क के रीज्योल्यूशन (संकल्प) योजना दायर की गयी थी. ऋणदाता के रूप में इलाहाबाद बैंक ने 10.1.2020 को याचिका दायर कर दिये गये 49 करोड़ के कर्ज को दिवालिया होने से बचाने की गुहार की थी. इलाहाबाद बैंक का कहना था कि बैंक की तरफ से 49 करोड़ 64 लाख से अधिक की राशि दिये मेगा फूड पार्क के लिए सैंक्शन किये गये थे. इसके अलावा केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की तरफ से 69.08 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था. कुल 118.77 करोड़ रुपये योजना के लिए दिये गये.
फूड पार्क को दुबारा शुरू
निर्देश पर मेगा फूड पार्क को दुबारा शुरू करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट भी निकाला गया था. एनसीएलटी ने रीज्योल्यूशन प्लान के अनुपालन को लेकर रीज्योल्यूशन प्रोसेस फोर कारपोरेट पर्संस (सीआइआरपी) को मंजूर करने का आदेश दिया. इसके तहत इंडियन ओसन ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के प्राप्त आवेदन पर कारपोरेट ऋणदाता (केंद्र सरकार) ने विचार भी किया. 30 अगस्त 2021 को आवेदक कंपनी को एलओआइ भी दिया गया. इलाहाबाद बैंक को निर्देश दिया गया कि वह योजना के तहत 20 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया गया.
रांची के गेतलसूद में ली गयी थी 56 एकड़ जमीन
मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए केंद्र सरकार की ओर से राजधानी रांची के गेतलसूद इलाके में 56 एकड़ जमीन लीज पर ली गयी थी. रांची क्षेत्रीय औद्योगिक विकास प्राधिकार (रियाडा) की तरफ से यह जमीन 30 वर्षों की लीज पर दी गयी थी. जिसका 30-30 साल के अंतराल पर रीनिवल भी होना था. रियाडा को रीज्योल्यूशन योजना के तहत फिर से फ्रेश लीज करने का आदेश भी दिया गया है. इसकी रिपोर्ट रियाडा की तरफ से एनसीएलटी को भी दिया जाना है.
सुप्रीम कोर्ट के घनश्याम मिश्रा एंड संस प्राइवेट लिमिटेड मामले में दिये गये जजमेंट के आलोक में केंद्र सरकार को मेगा फूड पार्क के लिए नया प्रबंधन भी नियुक्त करने को कहा गया है. केंद्र सरकार जोय योजना के लिए कारपोरेट ऋणदाता है, को सभी तरह के लाइसेंस, एप्रूवल देने को कहा गया है. यह सभी कार्रवाई केंद्र सरकार को 12 महीने में करना है.
इलाहाबाद बैंक को 20 करोड़ रुपये की राशि रीज्योल्यूशन प्लान के तहत उपलब्ध करने को निर्देश
वहीं दूसरी ओर ऋणदाता बैंक इलाहाबाद बैंक को दो वर्षों में रीज्योल्यूशन प्लान के तहत 20 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न चरणों में देने को कहा गया है. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि रीज्योल्यूशन प्लान की मियाद के दौरान कारपोरेट ऋणदाता, शेयर धारक को 56 एकड़ की संपत्ति, यार्ड और अन्य चीजों के डिस्पोजल की अनुमति नहीं होगी.
योजना में नियुक्त आरपी को यह पूर्ण अधिकार होगा कि वह NCLT के नियमों और निर्देशों के अनुरूप योजना को रीवाइव कराने में मदद करें. NCLT ने मेगा फूड पार्क रांची के रीवाइवल के लिए कारपोरेट ऋणदाता यानी केंद्र सरकार को जल्द पार्क को शुरू करने की कानूनी अड़चनों को दूर करने को कहा है.
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