दिल्ली पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में बिस्तर पर पड़ी एक 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला से कथित बलात्कार के मामले को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के महज 16 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने उसके पास से पीड़िता का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है। 30 वर्षीय आरोपी पास के ही मोहल्ले में रहता है और सफाईकर्मी का काम करता है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी। पीड़ित महिला अपनी 65 वर्षीय बेटी के साथ रहती है और पिछले सात महीनों से बिस्तर पर पड़ी है।
शुरू में चोरी की धाराओं के तहत एफआईआर
पुलिस ने कहा कि उन्होंने शुरू में चोरी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन सोमवार को परिवार के आरोपों के बाद यौन उत्पीड़न और पिटाई की धाराएं भी जोड़ दीं। बुजुर्ग महिला घर में अपनी 65 वर्षीय बेटी के साथ रहती है और जब यह घटना हुई तब वह घर पर अकेली थी। परिजनों का आरोप है कि रविवार दोपहर जब बेटी टहलने के लिए निकली तो एक अज्ञात व्यक्ति घर में घुस आया।
परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि आरोपी दोपहर करीब 12.30 बजे घर में घुसा, जिसके बाद उसने कथित तौर पर महिला का यौन उत्पीड़न किया और दोपहर 1.30 बजे से पहले चला गया। परिजनों के अनुसार, महिला की बेटी जब घर लौटी तो उसने देखा कि पीड़िता के कपड़े फटे हुए थे और पर उसका खून बह रहा था।
आरोपी की पहचान सफाईकर्मी के रूप में
पुलिस ने कहा कि आरोपी की पहचान पास के इलाके में काम करने वाले सफाईकर्मी के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, “तिलक नगर में बुजुर्ग महिला के यौन उत्पीड़न के मामले को सुलझा लिया गया है। इस ब्लाइंड मामले में अपराधी 16 घंटे के भीतर पकड़ा गया। पीड़िता का मोबाइल फोन उसके पास से बरामद किया गया है। आरोपी पास के इलाके में रहता है और एक सफाईकर्मी का काम करता है।”
पोते के दोस्त ने ट्विटर पर किया ट्वीट
घटना के बाद पीड़ित महिला के पोते के दोस्त ने ट्विटर पर लिखा, ‘परिवार के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें मेनीपुलेट किया था। उनसे कहा कि रेप का केस दर्ज करने पर “बदनामी होगी”। उन्हें बताया गया कि उन्हें और बेइज्जती का सामना करना पड़ सकता है। यह लिखित शिकायत का हिस्सा है जिसे परिवार ने पुलिस को सौंप दिया है।”
उन्होंने पहले लिखा था, “मेरे दोस्त की 87 वर्षीय बिस्तर पर पड़ी दादी के साथ कल दिल्ली के तिलक नगर में बलात्कार किया गया था। उन्हें चोटें भी लगी हैं। दिल्ली पुलिस सहयोग नहीं कर रही है और एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर रही है।”
पीड़िता बुज़ुर्ग बिस्तर पर
पीड़िता के परिचितों और रिश्तेदारों के मुताबिक, बुजुर्ग महिला और उसकी बेटी शुरू में घबराई हुई थीं, इसलिए मोबाइल चोरी का मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मेडिकल जांच नहीं हो सकी। परिवार चाहता था कि मेडिकल टीम उनके घर आकर जांच करे क्योंकि पीड़िता बिस्तर पर थी। बाद में, एक टीम मेडिकल टेस्ट के लिए उनके घर आई, लेकिन परिवार के सदस्यों के अनुसार टीम वापस लौट गई क्योंकि उनके पास मेडिकल के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं थे।
सीट का गठन कर दोबारा की गई जांच
एडिशनल डीसीपी (पश्चिमी) प्रशांत गौतम ने कहा कि मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। मामले में आईपीसी की धारा 376 और 323 जोड़ी गई है। दिल्ली पुलिस को अपराध के संबंध में कुछ अहम सुराग मिले थे। पुलिस ने घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को भी अपने कब्जे में ले लिया था।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पीड़िता की बेटी ने शुरू में मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद चोरी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि बेटी ने बताया कि एक व्यक्ति गैस ठीक करने के बहाने उसके घर में घुसा और अपने साथ एक मोबाइल फोन ले गया। पुलिस ने उसके बाद चोरी की एफआईआर दर्ज की।
क्या बताया एडिशनल डीसीपी ने
एडिशनल डीसीपी ने कहा कि हमें फोन आया था, हमारी टीम तुरंत मौके पर पहुंची। शुरुआती शिकायत यह थी कि एक लड़का गैस ठीक कराने के बहाने घर में घुसा था, पीड़ित का मोबाइल चोरी हो गया है, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने यह कहते हुए ट्वीट किया कि 87 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार हुआ है, जिसके बाद एक और शिकायत दर्ज की गई।
डीसीपी ने कहा कि मामले में सोमवार सुबह ताजा आरोप लगाया गया था। हमने संबंधित धारा के तहत नई एफआईआर दर्ज की है। जांच जारी है।
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