आदिवासी संगठनों का एक सेमिनार आज सरना भवन नगर टोली में आयोजित किया गया. जिसमें भाषा विवाद समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. सेमिनार में बोलते हुए वक्त्ताओं ने कहा कि किसी वर्ग को खुश रखने के लिए झारखंडी अस्मिता के साथ खिलवाड़ बंद किया जाना चाहिए. भोजपुरी को बिहार में भी स्थानीय भाषा के रूप में मान्यता नहीं मिल पायी है तो फिर यहां पर भोजपुरी, मैथिली, महगी एवं अंगिका को यहां पर क्षेत्रीय भाषा में कैसे शामिल किया जा सकता है.
सरकार को इसे तत्काल हटाना चाहिए वरना आने वाले दिनों में झारखंड का महौल खराब होगा. जिसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी. सेमिनार में सरकार से मांग की गयी कि सीएनटी एक्ट में आदिवासी हितों में खरीद बिक्री हेतु थाना बाध्यता समाप्त होना चाहिए. क्योंकि इससे आदिवासियों को विकास बाधित हो रहा है.
आदिवासियों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की मांग
आदिवासियों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने के नियम में सरलीकरण की मांग की गयी. सरकार से मांग किया गया कि आदिवासी महिला गैर आदिवासी पुरुष से विवाह के उपरांत महिला को एसटी के लाभ से तत्काल वंचित किया जाए. झारखंड राज्य के आदिवासियों के लिए ठिका- पट्टा रोजगार हेतु 25करोड़ ठेकादारी एवं 1 रूपया में लाइसेंस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत तत्काल निर्गत कर कॉरपस फंड की व्यवस्था कराई जाए.
अगर यह मांगे पूरी नहीं तो तो इसको लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा. सेमिनार की अध्यक्षता कुलभूषण डुंगडुंग ने की. सेमिनार में एमएल उरांव, निरंजना हेरैंज टोप्पो, किस्टो कुजूर , प्रवीण कच्छप, अरविंद उरांव, सुशील पाहन,बाबुलाल महली, कुमकुम किस्पोट्टा,गीता लकड़ा, चंदन हलधर पाहन, वासिल किड़ो, ब्रज किशोर बेदिया, उमेश पाहन, दमोदर सिंकु आदि ने अपने विचार रखे.
ज़रा यह भी पढ़े
Advertisements
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!