उन्नाव : अभी तक जो पूरा मामला निकलकर सामने आया है वह यह है कि एक युवती पिछले साल की आठ दिसंबर की तारीख़ को ग़ायब हो गयी थी. जिसकी ग़ुमशुदगी की रिपोर्ट थाना कोतवाली में तुरंत ही लिख ली गयी थी लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उसमें जो एफ़आईआर पंजीकृत होना था, वो नहीं हुआ था. उस पर कार्रवाई करते हुए प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.”अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई करते हुए कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक उन्नाव, शशि शेखर सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूरे मामले पर रोशनी डाली.
उन्नाव पुलिस की दी गयी जानकारी के मुताबिक, लड़की 8 दिसंबर से लापता थी. जिसके बाद लड़की की मां ने तहरीर दी थी.शव मिलने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक उन्नाव, शशि शेखर सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूरे मामले पर रोशनी डाली. उन्नाव के कब्बा खेड़ा गांव में सपा सरकार में मंत्री रहे दिवंगत नेता फतेह बहादुर सिंह की ख़ाली पड़ी ज़मीन से ये शव बरामद हुआ है.
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर कार्रवाई चल रही है. एक अन्य अभियुक्त को भी इस मामले में गिरफ़्तार किया गया है. जबकि राजोल सिंह को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है.राजोल सिंह दिवंगत नेता फतेह बहादुर सिंह के बेटे हैं.अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शव मिलने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया जा चुका है और अब पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
युवती की मां ने 24 जनवरी 2022 को आरोप लगाया था कि क़रीब पचास दिन पहले राजोल सिंह उनकी बेटी को ज़बरदस्ती उठाकर ले गए थे.
अपर पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की है कि जो शव बरामद किया गया है वह उसी युवती का है जिसकी ग़ुमशुदगी की रिपोर्ट बीते साल आठ दिसंबर को लिखी गयी थी.इससे पहले युवती की मां ने 24 जनवरी 2022 को एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि क़रीब पचास दिन पहले राजोल सिंह उनकी बेटी को ज़बरदस्ती उठाकर ले गए थे.उसी दिन यानी 24 जनवरी को ही एएसपी उन्नाव, शशि शेखर सिंह ने एक बयान देते हुए कहा था कि 22 साल की युवती के अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. अभियुक्त को सवालों के लिए हिरासत में लिया गया है साथ ही जांच के लिए दो टीमों का गठन किया गया है.
अखिलेश ने कहा, “पुलिस किस बात का इंतजार कर रही थी. क्या पुलिस सो रही थी?
एक ओर जहां विपक्षी दल इस मामले में समाजवादी पार्टी को लेकर हमलावर हो रहे हैं वहीं अखिलेश यादव ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, “फ़तेह बहादुर समाजवादी पार्टी में थे, जिनका निधन हो चुका है. अभियुक्त से समाजवादी पार्टी का कोई नाता नहीं है, न ही वो पार्टी के सदस्य हैं. इसी के साथ अखिलेश यादव ने पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि एफ़आईआर दर्ज़ होने के बाद भी पुलिस ने इतना वक़्त क्यों लगा.अखिलेश ने कहा, “पुलिस किस बात का इंतजार कर रही थी. क्या पुलिस सो रही थी? यूपी की पुलिस क़ानून व्यवस्था को बेहतर करेगी या नहीं?”
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