Kashmir: कश्मीर घाटी में जगमगाता शिकारा आपको रात के दौरान भी एक खूबसूरत सवारी का अनुभव देगा। बता दें कि पर्यटन विभाग द्वारा डल झील पर अधिकांश शिकारा को प्रकाशित किया गया है। यह कदम कश्मीर घाटी में पर्यटन के साथ-साथ नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
80 से ज्यादा शिकारा किए प्रकाशित
कश्मीर घाटी में रात 8 बजे तक सब कुछ बंद हो जाता है। श्रीनगर शहर में पर्यटकों के लिए रात्रि जीवन को बढ़ावा देने के तहत पर्यटन विभाग ने डल झील पर 80 से ज्यादा शिकारे प्रकाशित किए। पर्यटन विभाग ने 1,000 से ज्यादा शिकारे प्रकाशित किए जाने का लक्ष्य तय किया है। बता दें कि शिकारा पर स्थापित सभी लाइट्स सोलर आधारित और पर्यावरण के अनुकूल हैं।
शिकारा राइड से पूरा होता है सफर
कश्मीर पर्यटन विभाग के निर्देशक कहते हैं कि कश्मीर में आने वाले तमाम पर्यटकों का टूर हाउसबोट में बैठे बिना या शिकारा राइड का लुत्फ उठाए बिना खत्म नहीं होता है। वे बताते हैं कि पर्यटकों के अनुभव को और अच्छा बनाने के लिए हमने पिछली बार भी हाउसबोट फेस्टिवल आयोजित किया था। अब हम शिकारा को प्रमोट करने के लिए इसमें कुछ सुधार कर रहे हैं। शाम के वक्त शिकारा राइड पसंद करने वाले लोगों को डल में अंधेरा ही दिखता है। लेकिन हमने लगभग 80 शिकारे इलूमिनेट कर पर्यटकों के लिए शिकारा राइड शाम को भी उपलब्ध कराने की नई पहल शुरू की है।
पर्यटन विभाग की पर्यटकों को आकर्षित करने की नई कोशिशें
पर्यटन विभाग ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए-नए आइडिया पर काम कर रहा है. विभाग ने हाल ही में घाटी में आने वाले पर्यटकों के लिए हेरिटेज टूर, क्राफ्ट एग्जीबिशन, नाइट स्कीइंग जैसी चीजें शुरू की हैं। उप निदेशक पर्यटन कहते हैं कि हमने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के साथ मिलकर यह कदम उठाया है क्योंकि शाम को घाटी सूनी रहती थी. पर्यटकों की यह डिमांड (Demand) थी कि घाटी में रात भी खूबसूरत होनी चाहिए. पर्यटकों की तरफ से इस कदम के लिए हमें अच्छा रिस्पॉन्स (Response) मिल रहा है.
रोजगार का मिलेगा फायदा
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर (Photographer And Videographer) इस नजारे को लुभावना मानते हुए कहते हैं कि यह अतीत में कैप्चर (Capture) की गई चीजों से बिलकुल अलग है. इससे पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा और कश्मीर घाटी में नाइट लाइफ (Night Life) की वापसी होगी. मुख्तार अहमद (Freelance Photojournalist) कहते हैं कि यहां नाइट लाइफ बिलकुल खत्म हो गई थी और हम पर्यटन विभाग के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया. जम्मू-कश्मीर के पर्यटन विभाग द्वारा उठाए गए कदम से शिकारा और हाउसबोट मालिक (Shikara And Houseboat Owner) बेहद खुश हैं. उनका मानना है कि शिकारा मालिकों को इससे रोजगार (Employment) का फायदा होगा.
वसंत ऋतु भी शरद ऋतु की तरह होगी आकर्षक
वाली मोहम्मद (Shikara Association President) कहते हैं कि इससे पर्यटकों को नाइट सर्विस (Night Service) मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वे कहते हैं कि हम खुश हैं कि जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग (Jammu And Kashmir Tourism Department) ने यह कदम उठाया है. जम्मू-कश्मीर का पर्यटन विभाग अब घाटी में केवल ट्यूलिप (Tulip) की बहार पर निर्भर नहीं रहना चाहता बल्कि वसंत (Spring) के मौसम में भी कश्मीर के पारंपरिक फूलों (Traditional Flowers) की बहार को एक आकर्षण बनाना चाहता है जिससे वसंत ऋतु भी शरद ऋतु की तरह आकर्षक हो जाएगी.
Ayush Unnikrishnan is a good-natured individual who hails from Jamshedpur in the Indian state of Jharkhand. He had finished his secondary education at the Dav Public School in Bistupur, which is located in Jamshedpur. Currently, he is a student at National University of Study & Research in Law, Ranchi . In addition to his studies, he works at Mashal News as a reporter and anchor.
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