पश्चिम अफ्रीकी देश बुरकिना फासो में तख्तापलट हो गया है. तख्तापलट करने वाले सैनिकों ने राष्ट्रीय चैनल पर सोमवार को इसकी घोषणा की. लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति रॉक मार्क क्रिश्चियन कोबोगे को तख्तापलट के बाद से किसी अज्ञात जगह पर रखने का दावा किया जा रहा है. माली और गिनी के बाद बीते डेढ़ साल में तख्तापलट देखने वाला ये तीसरा पश्चिम अफ्रीकी देश है. करीब 2 करोड़ की आबादी वाले बुरकिना फासो को कुछ समय पहले तक स्थिर देश माना जाता था.
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बुरकिना फासो अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के हमलों से जूझ रहा है.लेकिन साल 2016 से ये चरमपंथी इस्लामिक जिहादियों से जूझ रहा है. तख्तापलट की घोषणा करते हुए कैप्टन सिडसो केबर उडारगौ ने कहा, राष्ट्रपति कोबोगे के शासन में सुरक्षा के हालात बिगड़ रहे थे और वो इन्हें संभालने में नाकाम रहे. इसलिए “देशभक्तों के आंदोलन ने ये जिम्मेदारियां संभाल लीं” सेना ने दावा किया है कि ये तख्तापलट बिना किसी हिंसा के हुआ है.
बुरकिना फासो का संविधान रद्द कर दिया है और संसद भंग कर दी है.
न्यूज एजेंसी एपी से पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर तख्तापलट करने वाले एक सैनिक ने कहा कि राष्ट्रपति कोबोगे ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, कोबोगे की राजनैतिक पार्टी ने दावा किया है कि तख्तापलट करने वाले सैनिकों ने राष्ट्रपति समेत कई मंत्रियों की हत्या कर दी है. हथियारबंद सैनिकों से घिरे राष्ट्रपति भवन से ये बयान जारी हुआ है. संविधान रद्द, सड़कों पर जश्न नए सैन्य शासन ने कहा है कि उन्होंने बुरकिना फासो का संविधान रद्द कर दिया है और संसद भंग कर दी है.
तख्तापलट के वक्त देश की सीमाएं बंद थीं. इसके अलावा रात 9 बजे से 5 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया था. प्रवक्ता उडारगौ ने कहा कि देश के नए नेता जल्द ही चुनावों के लिए तारीखों का एलान करेंगे. उडारगौ ने जो संदेश पढ़ा, उस पर देश के संभावित सैन्य नेता लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल हेनरी सेंडागो डामीबा के हस्ताक्षर थे.दुनियाभर में आलोचना ये पहली बार नहीं है जब बुरकिना फासो में तख्तापलट हुआ हो. कोबोगे से पहले देश के राष्ट्रपति रहे ब्लैस कुंपोरे भी साल 1987 में ताकत के बल पर सत्ता में आए थे. भारी विरोध के बाद उनका 27 साल का कार्यकाल 2014 में समाप्त हुआ. अगले ही साल 2015 में कुंपोरे समर्थक सैनिकों ने अस्थायी सरकार का तख्तापलट करने की कोशिश की थी, जिसे आर्मी ने किसी तरह कुचल दिया था.
संयुक्त राष्ट्र ने बुरकिना फासो की स्थिति पर चिंता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र ने बुरकिना फासो की स्थिति पर चिंता जताई है. महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने तख्तापलट करने वाले नेताओं से हथियार डालने की बात कही है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रीय संघ ने बुरकिना फासो की स्थिति को बड़ी चिंता बताया है. बुरकिना फासो के पड़ोसी देशों माली और गिनी में भी इसी तरह से तख्तापलट हुए हैं. वहां भी चुनाव की बात कही गई थी, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं.
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