बांग्लादेश में चुनाव के समय तटस्थ सरकार बनाने और नए निर्वाचन आयोग के गठन के मुद्दों पर चल रहे टकराव के बीच अब चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के इस्तेमाल का मुद्दा भी विवादित हो गया है। तटस्थ सरकार बनाने की मांग प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने उठाई है। उधर नए निर्वाचन आयोग के गठन के मसले पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में तलवारें तनी हुई हैं।शेख हसीना वाजेद के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ईवीएम के इस्तेमाल की पुरजोर पैरोकारी करती नजर आई हैं। लेकिन एक सेमीनार में उठे सवालों के सामने योजना मंत्री एमए मन्नान बचाव की मुद्रा अपनाते नजर आए, हालांकि उन्होंने दावा किया कि नारायणगंज के चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल का अनुभव अच्छा रहा है…
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दावा किया गया कि इन मशीनों की प्रोग्रामिंग के दौरान उनमें हेरफेर की जा सकती है .
बांग्लादेश में हाल में मेयर पद के लिए हुए चुनावों के दौरान नारायणगंज नगर निगम में ईवीएम का इस्तेमाल हुआ। सेमीनार में वहां रहे अनुभव को लेकर सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट रखी। वहां के सिविल सोसायटी संगठन ‘शुशाशोनेर जन नागरिक’ के महासचिव बैदुल आलम मजूमदार ने बताया कि मतदान के दौरान वहां कई शिकायतें सामने आईँ। उन्होंने दावा किया कि इन मशीनों की प्रोग्रामिंग के दौरान उनमें हेरफेर की जा सकती है।
कई सिविल सोसायटी संगठनों ने भी इन मशीनों की साख पर सवाल उठाए हैं.
इस बीच अगले आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल का प्रस्ताव भी किया गया है। लेकिन इस पर विपक्ष सहमत नहीं दिखता। कई सिविल सोसायटी संगठनों ने भी इन मशीनों की साख पर सवाल उठाए हैं। सिविल सोसायटी संगठनों की राय बीते सप्ताहांत में हुए एक सेमीनार में सामने आई। उस सेमीनार में शामिल ज्यादातर वक्ताओं ने कहा कि वोटिंग मशीनें अविश्वसनीय हैं। उनमें चुनाव परिणाम में छेड़छाड़ की गुंजाइश बनी रहती है। इस सेमीनार का आयोजन सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग नाम के एक थिंक टैंक ने किया।
यह स्वीकार किया गया कि ईवीएम संबंधी दिक्कतों के कारण बड़ी संख्या में लोग वोट नहीं डाल पाए.
नारायणगंज में मेयर चुनी गईं सेलिना हयात इवी ने भी यह स्वीकार किया कि ईवीएम संबंधी दिक्कतों के कारण बड़ी संख्या में लोग वोट नहीं डाल पाए। शेख हसीना वाजेद के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ईवीएम के इस्तेमाल की पुरजोर पैरोकारी करती नजर आई हैं। लेकिन इस सेमीनार में उठे सवालों के सामने योजना मंत्री एमए मन्नान बचाव की मुद्रा अपनाते नजर आए, हालांकि उन्होंने दावा किया कि नारायणगंज के चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल का अनुभव अच्छा रहा है।
मन्नान ने कहा कि देश में चुनाव कराने को लेकर कई दिक्कतें रही हैं। वर्चुअल माध्यम से सेमीनार को संबोधित करते हुए मन्नान ने कहा- ‘चुनावों को लेकर कई सवाल हैं। कई हलकों से ऐसे सवाल उठाए गए हैं। हम उनकी अनदेखी नहीं कर सकते। इन सवालों में कुछ दम है।’ मन्नान ने कहा है कि सरकार ईवीएम को लेकर लोगों के मन में बैठी आशंकाओं को दूर करने के लिए तैयार है। उन्होंने लोगों से ऐसी शिकायतें सरकार को बताने का आग्रह किया है।
बीएनपी का आरोप है कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते.
बांग्लादेश में चुनाव की निष्पक्षता का मुद्दा हमेशा से विवादित रहा है। बीएनपी का आरोप है कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। इसलिए उसने तमाम दूसरे मुद्दों से ध्यान हटा कर सीधे आम चुनाव की देखरेख के लिए तटस्थ सरकार के गठन की मांग तेज कर रखी है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि अविश्वास के इस माहौल में ईवीएम को लेकर विवाद गरमा जाना स्वाभाविक ही है। ऐसे में इस बात की कम ही संभावना है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में इन मशीनों का इस्तेमाल हो सकेगा।
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