फिल्मों में हमने बहुत स साइबर देखा है जो कि हमें मनोरंजक लगता है | लेकिन यही जब असल जिंदगी में होती है तो होश उड़ जाते हैं| आये दिन कोई न कोई साइबर क्राइम हो रहा है | खासकर झारखण्ड में ये एक बड़ा सरदर्बद बना हुआ है |साइबर क्राइम झारखंड बिहार में सर चढ़कर बोल रहा है|इसे पकड़ने का कोई सही प्रोसेस और तरीका भी उतना असरदार नहीं दिख रहा जिससे र्जुम लगाम लगाया जा सके |पहले तो कुछ हद तक ही साइबर क्राइम होते थे जिसे लेकिन अब ये तादाद में काफी बढ़ गयी है | अब हर डिस्ट्रिक्ट में साइबर क्सेराइम हो रहा है वो भी नए नए तरीके से | हलाकि इस क्राइम के लिए बेहतर रिसोर्स के साथ इंटरनेट और सॉफ्टवेयर एक्सपरटाइज की ज़रूरत होती है।
रांची में साइबर क्राइम की रफ़्तार तेज़
जिलों की बात तो छोड़ दें झारखण्ड की राजधानी रांची में साइबर अपराधी काफी सक्रिय है| ये अपराधी आये दिन अलग-अलग माध्यम से लोगों को ठगने का काम करते हैं। ऐसे अपराधियों से निपटना प्रशासन के लिए अब सिरदर्द बन गया है।
क्यूँ नहीं लग पा रही लगाम, कहाँ हो रही चूक
झारखंड में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है| हालात ऐसे हैं कि आए दिन झारखण्ड-बिहार में किसी ना किसी जिले से साइबर क्राइम की खबरें सामने आती रहती है। प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी ऐसे अपराधियों पर लगाम नहीं लगाया जा सका| जैसे ही इधर साइबर सेल वाले अपनी करवाई शरू करते हैं तो उधर अपराधी बिना सबूत छोड़े नौ दो ग्यारह हो लेते हैं। कई बार ऐसा भी होता है मुजरिम सामने होते हुए भी कोई ख़ास सबूत नहीं होती| ज्सिके कारण उनपर कोई करवाई नहीं हो पाती | ऐसे अपराधियों से निपटना प्रशासन के लिए अब सिरदर्द बन गया है। पहले भी इस मामले में कई गारिफ्तारियां हो चुकी है| लेकिन कोई ठोस सबूत न होने की वजह से पकड़े गये उनपर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई |
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