आजादी के बाद मजदूरों और किसानों के पहले संयुक्त कार्यक्रम की 40वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज पूरे देश के साथ कोल्हान क्षेत्र में भी सीटू, किसान सभा और खेतिहर मजदुर यूनियन के सदस्यों ने “किसान मजदूर एकजुटता दिवस” मनाया । 40 साल पहले 19 जनवरी, 1982 को स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार शहरी और ग्रामीण मजदूर एक दिन की देशव्यापी आम हड़ताल में शामिल हुए थे।
“ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय फेडरेशनों की प्रायोजक समिति” ने मजदूर वर्ग की मांगों को किसान और खेतिहर मजदूरों के अहम मुद्दों के साथ जोड़कर दयनीय अस्तित्व में जी रही जनता के सभी तबकों के जीवन और आजीविका सम्बंधित 13 सूत्री मांगों, जिसमें आवश्यक वस्तुओं के लिए रियायती दर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण, किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, खेत मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी तथा उनके लिए एक व्यापक कवरेज वाला कानून आदि को शामिल करते हुए, एक साल के लंबे प्रचार के बाद 19 जनवरी 1982 को एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया था।
1982 की आम हड़ताल में
केवल श्रमिकों और कर्मचारियों की भागीदारी देखी गई, बल्कि बड़े पैमाने पर ग्रामीण हड़ताल, सड़क-नाकाबंदी, प्रदर्शनों आदि के माध्यम से देश भर में किसानों और कृषि श्रमिकों की सक्रिय लामबंदी हुई थी। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूर पुलिस दमन और गोलीबारी ने किसानों और श्रमिकों के 10 मूल्यवान जीवन को छीन लिया था।
आज 40 साल बाद एक बार फिर किसान-मजदूर अपने जीवन और आजीविका पर गंभीर हमलों के खिलाफ संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं।
“केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच” और “संयुक्त किसान मोर्चा” ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि अब फिर से वर्तमान ज्वलंत मुद्दे संबंधित 12 सूत्री मांगों पर उसी तरह का आंदोलनकारी कार्यक्रम होगा, जो वर्तमान केंद्र सरकार को अपनी कॉर्पोरेट पक्षीय नीतियों को बदलने के लिए मजबूर करेगा। इसी कड़ी में 23-24 फरवरी 2022 को दो दिवसीय आम हड़ताल यानी औद्योगिक और ग्रामीण बंद के माध्यम से किसानों और मजदूरों की एक ऐसी संयुक्त कार्रवाई होगी।
आज कोल्हान सीटू के सैकड़ों सदस्यों ने 1982 के संघर्ष के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर “किसान मजदूर एकजुटता दिवस” मनाया और किसानों और मजदूरों की अधिकारों और आजीविका तथा राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा के लिए स्वतंत्र और संयुक्त संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।
साकची आमबगान मैदान में केंद्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सदस्यों को बैज पहनाया गया और मांग पोस्टर प्रदर्शित करते हुए कोविड प्रोटोकॉल के पालन करते हुए सांकेतिक धरना दिया गया , कार्यक्रम में कॉमरेड केके त्रिपाठी, बिश्वजीत देब, जेपी सिंह, जे मजूमदार, गुप्तेश्वर सिंह, नागराजू, डी झा, एम के ठाकुर, आरपी सिंह, धोनी राम आदि नेता मौजूद थे, ग्रामीण क्षेत्रों में बोड़ाम सह अन्य ब्लॉकों में भी किसान सभा के सदस्यों द्वारा इसी तरह का कार्यक्रम किया गया ।
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