ओमिक्रॉन ही भारत में मौजूदा लहर के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण हैं. एक स्टडी के मुताबिक, दिल्ली में पहली बार ओमिक्रॉन वेरिएंट के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के साक्ष्य मिले हैं. देश में पहली बार ऐसी स्टडी सामने आई है, जिसमें कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टी हुई है.
इसकी जानकारी नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस (ILBS) ने दी है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग ने कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के शुरुआती कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात का पता लगाया है.
मेड्रक्सिव में पब्लिश एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस अध्ययन में 25 नवंबर से 23 दिसंबर 2021 के बीच सभी आरटी-पीसीआर से श्वसन के सैंपल लिए गए. दिल्ली के पांच जिलों से सैंपल एकत्र किए गए थे. अध्ययन अवधि के दौरान शामिल किए गए 264 मामलों में से 68.9 प्रतिशत (182 सैंपल्स) केस डेल्टा वेरिएंट और 31.06 प्रतिशत केस (82 सैंपल्स) ओमिक्रॉन के थे, जिनमें प्रमुख उप-वंश (73.1 प्रतिशत) था.
ओमिक्रॉन के 61 प्रतिशत मामले ‘एसिंप्टोमेटिक’
इसके मुताबिक, अधिकांश ओमिक्रॉन के मामले (61 प्रतिशत) एसिंप्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले (50 केस) थे और उन्हें किसी भी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी. जबकि कुल 72 केस (87.8 प्रतिशत) फुली वैक्सीनेटेड वाले थे. वहीं, 39.1 प्रतिशत (32 केस) का यात्रा और कॉन्टैक्ट का इतिहास था यानी कि ये लोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से या फिर यात्रा के दौरान पॉजिटिव हुए थे. जबकि 60.9 (50 केस) में सामुदायिक प्रसारण यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता चला.
हालांकि अधिकारियों के दस्तावेजों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में दिल्ली में विभिन्न जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए गए कुल सैंपल्स में से लगभग 38 प्रतिशत कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के पाए गए हैं. क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में इस अवधि के दौरान नए वेरिएंट के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई.
इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘कल (शुक्रवार) दिल्ली में कोरोना के मामले परसों की तुलना में साढ़े 4 हजार कम आए थे. दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर है लेकिन कल से मामले में गिरावट आ रही है.’
आधिकारिक सूत्रों द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि 21-28 दिसंबर के दौरान विश्लेषण किए गए 468 सैंपल्स में से 31 प्रतिशत सैंपल्स में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट का पता चला था.
सूत्रों ने कहा कि इन सैंपल्स का एनसीडीसी, आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पताल की प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किया गया. दक्षिण पूर्व जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 14 ओमिक्रॉन मामलों में से सात का कोई यात्रा इतिहास नहीं था.
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