कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच इसको लेकर जारी शोध विमर्श में नई जानकारियां सामने आ रही हैं. एक शोध में सामने आया है कि यह खतरनाक वायरस हवा के संपर्क में आने के 20 मिनट बाद संक्रमण करने की अपनी क्षमता को खो देता है.
शोध के निष्कर्ष में यह भी सामने आया कि इस वायरस से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना है.
वायरस हवा में कितनी देर तक जीवित रहता है?
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के एरोसोल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर और इस रिसर्च के प्रमुख लेखक जोनाथन रीड के अनुसार लोग खराब वेटिंलेशन वाले इलाके में रहकर सोचते हैं कि एयरबोर्न संक्रमण से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि ऐसा नहीं है लेकिन यह भी तय है कि एक दूसरे के करीब रहने से ही कोरोना संक्रमण फैलता है.
उन्होंने कहा कि जब एक शख्स से दूसरे शख्स के बीच कुछ दूरी होती है तो वायरस अपनी संक्रामकता खो देता है क्योंकि ऐसे में उसका एरोसोल पतला होता जाता है. ऐसी स्थिति में वायरस कम संक्रामक होता है.
जहां वायरस को सील्ड वेसेल्स में छिड़का जाता है, इन वेसेल्स को गोल्डबर्ग ड्रम कहते हैं. इस पद्धति का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि वायरस का पता तीन घंटों बाद तक लगाया जा सकता है. डॉक्टर रीड ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि जब वायरस से संबंधित किसी शोध में यह जानकारी लगा पा रहे हैं कि सांस छोड़ने के दौरान वायरस किस तरह से बर्ताव करते हैं.
रिसर्च के दौरान सांस छोड़ने के दौरान नाक से एक सटीक संख्या में एरोसोल निकलते हैं, वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का इलेक्ट्रिक रिंग तैयार की जो इन कणों को कैद रखती है. इस चैंबर के अंदर तापमान, आर्द्रता और लाइट को समायोजित किया जा सकता है. इस रिंग से कुछ मिनटों, घंटों या दिनों के बाद पार्टिकल को निकाला जा सकता है, ताकि यह जांच की जा सके कि वायरस ने नुकसान पहुंचाया है या नहीं.
ऐसा देखा जाता है कि वायरस जब फेफड़ों से बाहर निकलते हैं तो कार्बन डाइ ऑक्साइस से युक्त होते हैं और बाहर आकर जल्द पानी खो देते हैं यानी की ड्राई हो जाते हैं. यह कारक वायरस को मानव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकता है.
वायरस के ड्राई होने की स्थिति ह्यूमिडिटी पर निर्भर करती है
हालांकि यह भी देखा गया कि हवा के तापमान का वायरस की संक्रामकता पर कोई असर नहीं पड़ता है. जब आद्रता 50 प्रतिशत से कम होती है तो वायरस 5 सेकेंड के भीतर अपनी संक्रामकता खो देता है. इसी तरह प्रयोग के दौरान आद्रता को 90 प्रतिशत कर दिया गया तो पाया गया कि इस मारक क्षमता और कम हो गई.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!