Coronavirus Third Wave : दुनिया में अब तक कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ चुके हैं। भारत में जहां, पहली लहर में सार्सकोव-2 ने लोगों को अपना निशाना बनाया था, वहीं दूसरी लहर में डेल्टा और अब तीसरी लहर ओमिक्रॉन का कहर जारी है। देखना यह है कि क्या देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है इसके लिए?
देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था। केरल की एक महिला को 27 जनवरी को तबियत खराब होने पर स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिन्हें तीन दिन बाद संक्रमित पाया गया।
इसके बाद से संक्रमण में लगातार इजाफा हो रहा है। अब तक देश के तीन करोड़ 57 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें तीन करोड़ 45 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि चार लाख 83 हजार 936 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब सात लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
पहले आंकड़ों के जरिए समझते हैं पहली और दूसरी लहर में क्या अंतर था और अब तीसरी लहर कैसे अलग है?
- 30 जनवरी 2020 को केरल में संक्रमण का पहला मामला मिला था। तब से लेकर 11 सितंबर 2020 तक यह लगातार बढ़ता ही रहा। 11 सितंबर को एक दिन के अंदर सर्वाधिक 97 हजार 650 लोग संक्रमित पाए गए।
यह पहली लहर में एक दिन में मिले मरीजों का सबसे ज्यादा आंकड़ा था। यानी पहली लहर का पीक आने में 220 दिन लगे। इसके बाद हर रोज मिलने वाले नए मरीजों की संख्या में गिरावट होने लगी। 25 जनवरी 2021 तक पहली लहर पूरी तरह से खत्म हो गई।
- दूसरी लहर की शुरुआत 24 फरवरी 2021 संक्रमण ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की छह मई को देश में सबसे ज्यादा 4 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए। दूसरी लहर में किसी भी एक देश में एक दिन के अंदर मिलने वाले मरीजों का यह सबसे ज्यादा आंकड़ा था।
मतलब पहली लहर खत्म होने के 101 दिन के अंदर ही दूसरी लहर का पीक आ गया। हालांकि, इस बीच वैक्सीनेशन ने गति पकड़ी और संक्रमण के मामले कम होने लगे। 20 दिसंबर 2021 तक दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म हुई यानी इसमें 228 दिन लगे। 20 दिसंबर को सबसे कम 5336 मरीज पाए गए थे।
- पहली और दूसरी लहर का कहर झेलने के बाद अब भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। इसकी शुरुआत साल 2021 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर से हो गई थी। तब एक दिन के अंदर 22 हजार केस मिले थे।
उसके बाद 20 दिसंबर से 30 दिसंबर के बीच हर दिन करीब पांच से 20 हजार तक संक्रमण के मामले आते थे। नए साल पर मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ और पिछले तीन दिनों से हर रोज एक लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं। नौ जनवरी को सबसे ज्यादा 1.80 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं।
जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट
राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल बताते हैं कि ओमिक्रॉन के चलते देश में संक्रमण तेजी से फैल चुका है। ऐसी स्थिति में केवल एहतियात और कोविड प्रोटोकॉल के पालन से ही बचा जा सकता है। इसके अलावा हर किसी को कोविड की वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।
डॉ. शेरवाल के मुताबिक, भारत में बड़ी संख्या में लोग पहले और दूसरी लहर में संक्रमित हो चुके हैं। उनके अंदर एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है। इसके बाद जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है उनकी इम्यून सिस्टम और भी मजबूत हो गई होगी। यह एक पॉजिटिव ट्रेंड है।
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