Interesting Fact: हम सभी ने कभी ना कभी ट्रेन में सफर तो किया ही होगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाने वाली लोहे की पटरियों पर कभी जंग क्यों नहीं लगती और इसके पीछे वजह क्या है ? वैसे तो हमारे घर में भी कई चीजें लोहे की होती हैं और रेल की पटरी भी लोहे की होती है। लेकिन इन दोनों में ऐसा क्या फर्क है कि घर के लोहे में जंग लग जाती है और रेल की पटरी पर कभी जंग नहीं लगती। आइए जानते हैं इसका कारण…..
लोहे पर जंग लगती ही क्यों है ?
रेल की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगती, ये जानने के लिए सबस पहले ये जानना जरूरी है कि लोहे पर जंग क्यों और कैसे लगती है। लोहा एक मजबूत धातु होता है, लेकिन जब उस पर जंग लगती है तो वह किसी काम का नहीं होता। लोहा या लोहे से बना सामान ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आता है तो लोहे पर एक भूरे रंग की परत आयरन ऑक्साइड जम जाती है और फिर धीरे-धीरे लोहा खराब होने लगता है, साथ ही इसका रंग भी बदल जाता है। इसी को लोहे पर जंग लगना कहते हैं।
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इसलिए नहीं लगती पटरी में जंग
कई लोगों से अगर यह सवाल पूछा जाए तो उनमें से कुछ लोगों का जवाब होता है कि ट्रैक पर पहियों के घर्षण बल के कारण जंग नहीं लगती है, लेकिन ऐसा नहीं है। रेल की पटरी बनाने के लिए एक खास किस्म की स्टील का उपयोग किया जाता है। स्टील और मेंगलॉय को मिला कर ट्रेन की पटरियों को तैयार किया जाता है। स्टील और मेंगलॉय के इस मिश्रण को मैंगनीज स्टील कहा जाता है। इस वजह से ऑक्सीकरण नहीं होता है और कई सालों तक इसमें जंग नहीं लगता है।
रेल की पटरी अगर आम लोहे से बने तो क्या होगा
रेल की पटरियों को अगर आम लोहे से बनाया जाएगा तो हवा की नमी के कारण उसमें जंग लग सकती है और ट्रैक कमजोर हो सकता है। इसकी वजह से पटरियों को जल्दी-जल्दी बदलना पड़ेगा और साथ ही इससे रेल दुर्घटनाएं होने का खतरा भी बना रहेगा। इसलिए रेलवे इन पटरियों के निर्माण में खास तरह के मैटेरियल का इस्तेमाल करता है।
Ayush Unnikrishnan is a good-natured individual who hails from Jamshedpur in the Indian state of Jharkhand. He had finished his secondary education at the Dav Public School in Bistupur, which is located in Jamshedpur. Currently, he is a student at National University of Study & Research in Law, Ranchi . In addition to his studies, he works at Mashal News as a reporter and anchor.
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