दो करोड़ रुपये के आरोप का सामना कर रहे झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को राहत मिल गई है। हालांकि उन्हें यह राहत धनबाद न्यायालय से नहीं मिली है।
इसके लिए मंत्री को शिकायतकर्ता के साथ समझौता करना पड़ा है। समझौता किन-किन बिंदुओं पर हुआ, यह बात मंत्री और शिकायतकर्ता ही बता सकते हैं। अघोषित समझौते के बाद शिकायतकर्ता ने न्यायालय में आवेदन देकर मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी। इसके बाद बयान दर्ज हुआ। फिर न्यायालय ने मुकदमे को खारिज कर दिया। इसके साथ ही झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी स्थित झारखंड कार्मस कालेज डुमरी में दो करोड़ रुपये के गबन के आरोपों मंत्री को मुक्ति मिल गई है।
समझौते के बाद मुकदमा खारिज
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो समेत पांच के विरुद्ध दायर दो करोड़ रुपये के गबन के मुकदमे को मंगलवार को अदालत ने खारिज कर दिया। एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी सिंह की अदालत में मंगलवार को आवेदन देकर शिकायतकर्ता डेगलाल ने इसे वापस लेने की अनुमति मांगी। अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी की दलील सुनने के बाद अदालत ने डेगलाल का बयान दर्ज किया। बयान में डेगलाल ने कहा कि उसने कोर्ट से बाहर सुलह कर लिया है, इसलिए यह मुकदमा नहीं लडऩा चाहता। लिहाजा अदालत ने मुकदमे को खारिज कर दिया।
तीन महीने से लंबित थी गवाही
दो करोड़ रुपये के घाटोले का मुकदमा एक अक्टूबर, 2020 से शिकायतर्ता डेगलाल की गवाही नहीं होने कारण धनबाद न्यायालय में लंबित था। आठ तारीखों से डेगलाल गवाही देने नहीं आ रहा था और कोर्ट से समय ले रहा था। अंतत: मंगलवार को उसने मुकदमा वापस ले लिया। शिकायतर्ता द्वारा मुकदमा वापस लेने के बाद न्यायालय ने मुकदमा खारिज कर दिया।
यह था पूरा मामला
झारखंड के गिरिडीह जिले के निमियाघाट निवासी झारखंड कामर्स इंटर कालेज डुमरी के प्राचार्य डेगलाल राम ने धनबाद के एमपी एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायतवाद दायर कर दो करोड 29 लाख 63 हजार 21 रुपये 94 पैसा के गबन का आरोप लगाया था। उन्होंने डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो, पूर्व प्रधानाध्यापक आजाद हिंद उच्च विद्यालय गोमो फूलचंद राम महतो, पूर्व व्याख्याता भूगोल विभाग इंटर कालेज डुमरी रामेश्वर प्रसाद यादव, व्याख्याता इतिहास विभाग इंटर कालेज डुमरी प्रताप कुमार यादव, पूर्व प्रबंधक बैंक आफ इंडिया इसरी बाजार गिरिडीह रवींद्र कुमार सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
शिक्षा मंत्री की दूर हुई परेशानी
झारखंड के शिक्षा मंत्री स्वास्थ्य कारणों के साथ ही दो करोड़ रुपये के घोटाले के मुकदमे से काफी पेरशान थे। कोरोना की पहली लहर के दाैरान ही शिक्षा मंत्री संक्रमित हो गए थे। उनका लंग्स संक्रमित हो गया। उन्हें बचाने के लिए चेन्नई से एमजीएम अस्पताल में लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया। इसके बाद उनकी पहले जैसा स्वास्थ्य नहीं है। स्वास्थ्य के आधार पर भी राहत के लिए मंत्री ने न्यायालय में आवेदन दिया था। बाद में शिकायतकर्ता के साथ ही समझौता कर लेना बेहतर समझा।
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