
जय स्तंभ के सम्मान में दीप प्रज्वलित किए गए
रीवा 27 जनवरी। जिला प्रशासन रीवा मध्य प्रदेश के द्वारा आजादी के आंदोलन का प्रतीक जय स्तंभ की कई सालों से की जा रही घोर उपेक्षा के विरोध में लोकतंत्र सेनानी मैं अजय खरे , बृहस्पति सिंह एवं रामेश्वर सोनी ने गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले शाल श्रीफल सम्मान को वापस कर दिया है। वहीं तीनों लोकतंत्र सेनानियों ने जय स्तंभ के सम्मान में गणतंत्र दिवस रविवार 26 जनवरी 2025 की शाम को दीप प्रज्ज्वलित किए।
देश की आजादी के आंदोलन का प्रतीक जय स्तंभ निरंतर उपेक्षा का शिकार है
मध्य प्रदेश के संभागीय मुख्यालय रीवा शहर स्थित देश की आजादी के आंदोलन का प्रतीक जय स्तंभ निरंतर उपेक्षा का शिकार है। इस बार भी रीवा शहर में स्थित जय स्तंभ पर गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सजावट एवं रोशनी नहीं की गई। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने बताया कि गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 के अवसर पर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के बावजूद यहां सजावट रोशनी नहीं की गई थी। जिला प्रशासन की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत के विरोध में तत्समय उन्होंने शाल श्रीफल सम्मान स्वीकार नहीं किया था ।
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर जय स्तंभ की उपेक्षा की गई
इसके अलावा 2 माह पूर्व 1 नवंबर 2024 को भी मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर जय स्तंभ की उपेक्षा की गई। श्री खरे ने बताया कि जिला प्रशासन रीवा के द्वारा ऐतिहासिक स्वतंत्रता स्मारक की लगातार किए जा रही उपेक्षा और अपमान के विरोध में इस बार मेरे साथ लोकतंत्र सेनानी सर्वश्री बृहस्पति सिंह और रामेश्वर सोनी ने भी गणतंत्र दिवस की शाम को जय स्तंभ पर एकत्रित होकर प्रतीकात्मक विरोध के रूप में शाल श्रीफल सम्मान को वापस कर दिया।
राज्यपाल को गणतंत्र दिवस की रात में ही ईमेल ज्ञापन भेजा गया है
श्री खरे ने बताया कि लोकतंत्र सेनानी के रूप में हमारे सम्मान के लिए जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में जय स्तंभ पहुंचे रीवा शहर के समान हलका के पटवारी श्री अनूप तिवारी एवं ढेकहा हल्का के पटवारी श्री नवीन द्विवेदी को हमने यह जानकारी दी कि जब तक जय स्तंभ के मान सम्मान को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया जाता रहेगा, तब तक उनके द्वारा प्रतीकात्मक विरोध के रूप में शाल श्रीफल भेंट को अस्वीकार किया जाएगा। इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल को गणतंत्र दिवस की रात में ही ईमेल ज्ञापन भेजा गया है। राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि रीवा जिला प्रशासन आजादी के आंदोलन के प्रतीक जय स्तंभ को हल्के में नहीं ले।
श्री खरे ने बताया कि गत 20 जनवरी को भी प्रदेश के राज्यपाल को जय स्तंभ सहित सभी स्वतंत्रता स्मारकों के सम्मान के लिए विशेष अनुरोध किया गया था लेकिन अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ।
लोकतंत्र सेनानी अजय खरे बृहस्पति सिंह एवं रामेश्वर सोनी ने कहा है कि स्वतंत्रता स्मारकों को लेकर प्रशासन का मौजूदा रवैया लोकतंत्र और आजादी के मूल्यों के साथ क्रूर खिलवाड़ है। देश की आजादी और लोकतंत्र के प्रति सम्मान नहीं रखने वाले अधिकारी अत्यंत गैर जिम्मेदार एवं संविधान विरोधी हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp
Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp
Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!