जिस बात का अंदेशा था, आज वह हो गया
फिर से एक बार सर्व सेवा संघ परिसर के सामने विगत 87 दिनों से चल रहे शांतिपूर्ण सत्याग्रह को प्रशासन के द्वारा रोक कर राम धीरज, नंदलाल मास्टर, अशोक शरण और जोखन सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रशासन की यह कार्यवाही संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। यह उसी हमले की कड़ी है जो पिछले वर्ष 22 जुलाई 2023 को सर्व सेवा संघ के परिसर को स्थानीय प्रशासन के कुचक्र में शामिल होकर नॉर्दर्न रेलवे ने कब्जा किया और बाद में 12 अगस्त 2023 को इसके अधिकांश भवनों को ध्वस्त कर दिया था। हम यहां यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वाराणसी प्रशासन के चंद अधिकारी ही ऐसे हैं जो लगातार बनारस की जनता के कष्ट के कारण बने हुए हैं और कानून की धज्जयां उड़ा रहे हैं।
अचानक ऐसा क्या हुआ, जो सत्याग्रह को रोका गया ?
आला अधिकारियों के निर्देश पर आदमपुर पुलिस लगभग 12:00 बजे सत्याग्रह स्थल पर पहुंची और सत्याग्रह खत्म करने को कहा। बैनर आदि को हटा दिया गया। ज्ञात हो कि विनोबा जयंती 11 सितंबर 2024 को सत्याग्रह का स्थान ओल्ड जीटी रोड पर परिसर का मेन गेट निर्धारित था, लेकिन पुलिस के आग्रह पर सत्याग्रह स्थल को मुख्य सड़क से हटाकर बसंत कॉलेज वाली सड़क पर ले आया गया। विगत 86 दिनों तक सत्याग्रह सुचारू ढंग से चल रहा था। अचानक ऐसा क्या हुआ, जो सत्याग्रह को रोका गया, यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है? जबकि इस बीच कई पर्व- त्यौहार गुजर गए। देव दीपावली जैसे भीड़भाड़ वाला दिन भी गुजर गया।
..फिर प्रशासन का यह रवैया क्यों?
सत्याग्रही सड़क के किनारे फुटपाथ पर बैठते थे। ट्रैफिक में किसी प्रकार की व्यवधान नहीं होता था। जिस वक्त गिरफ्तारी हुई उसे वक्त सिर्फ चार व्यक्ति थे। इसे धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं माना जा सकता। वैसे इस स्थान पर धारा 144 नहीं लगाया गया था। किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई। फिर प्रशासन का यह रवैया क्यों? वास्तव में बौखलाहट बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा की है। उन्होंने सर्व सेवा संघ की जमीन हड़पने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का इस्तेमाल किया और अवैध तरीके से गांधी विद्या संस्थान को कला केंद्र को सौंप दिया। कला केंद्र को जब कौशल राज शर्मा के हिडन एजेंडा का एहसास हुआ तो उसने गांधी विद्या संस्थान को वापस कर दिया। सर्व सेवा संघ ने सत्याग्रह के दरमियान इस तथ्य को उजागर किया तो आयुक्त बदले की कार्रवाई पर उतारू हो गए। सत्याग्रह को बाधित करना इसी मनोविकृति का परिणाम है।
संविधान के मौलिक अधिकारों पर हमला – चंदन पाल
गिरफ्तारी के तुरंत बाद वाराणसी पहुंचे सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण सत्याग्रहियों को गिरफ्तार करना न केवल अविवेक है, बल्कि संविधान के मौलिक अधिकारों पर हमला है। भारत के किसी भी नागरिक को अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से कहने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। बनारस के आयुक्त कौशल राज शर्मा का शत्रुवत व्यवहार अत्यंत अफसोस जनक और निंदनीय है। हम पूरे देश के गांधीजनों और लोकतंत्र के प्रति समर्पित व्यक्तियों,संगठनों और समूहों से अपील करते हैं कि इस घटना का अधिक से अधिक प्रतिवाद करें।
आज का उपवास
आज सत्याग्रह के 87 वें दिन उपवास पर सर्व सेवा संघ खादी समिति के संयोजक अशोक शरण बैठे हैं। जोखन सिंह यादव आज भी उपवास पर बैठे। अशोक कुमार शरण का जीवन गांधीवादी विचारधारा और समाज सेवा के प्रति समर्पित रहा है। यह विरासत उन्हे अपने पिता दिवंगत जलेश्वर नाथ शरण से प्राप्त हुई जो गांधी जी के साथ उनके सेवाग्राम आश्रम मे अखिल भारत चरखा संघ के कार्यों से जुड़े थे। उन्होंने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग में निदेशक के रूप में कार्य करते हुए अनेक राज्यों में अपनी सेवाएं दीं। उनके कुशल नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
बच्चों को सहारा देने का अनवरत प्रयास
इसके अलावा, वे गांधी स्मारक निधि (पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश) के सचिव रहे। उनके नेतृत्व में पत्तीकल्याणा, पानीपत में एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, स्वदेशी उत्पादों का शो रूम, गौशाला और बागवानी जैसी सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया।अशोक शरण ने बच्चों के कल्याण के लिए भी गहन कार्य किया है। चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के निदेशक के रूप में उन्होंने पानीपत क्षेत्र में हेल्पलाइन 1098 का संचालन किया। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद और संकटग्रस्त बच्चों को सहारा देने का अनवरत प्रयास किया।
अशोक शरण ने खादी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न पदों पर कार्य किया
उन्होंने खादी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे क्षेत्रीय पंजाब और हरियाणा खादी मंडल के अध्यक्ष, अंबाला खादी आश्रम के उपाध्यक्ष और ग्राम विकास संस्थान, समालखा के प्रबंध न्यासी रहे। इसके साथ ही, उन्होंने सर्व सेवा संघ, सेवाग्राम, वर्धा के प्रबंध न्यासी के रूप में गांधीवादी विचारधारा को जीवंत बनाए रखा। शरण सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान (बापू कुटी) के ट्रस्टी के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जो महात्मा गांधी का ऐतिहासिक निवास स्थल है। वर्तमान में अशोक कुमार शरण गांधी स्मारक प्राकृतिक चिकित्सा समिति, राजघाट, नई दिल्ली के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वे गांधी स्मारक निधि (हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश) के सदस्य और मगन संग्रहालय समिति, वर्धा के ट्रस्टी भी हैं। इस संग्रहालय को महात्मा गांधी ने 1936 में स्थापित किया था।
उनका समर्पण और निस्वार्थ सेवा समाज को प्रेरणा प्रदान करती है
वे इनोसेंट वर्ल्ड चैरिटेबल सोसाइटी के सदस्य हैं, जो द्वारका मोड़, दिल्ली में मासूम दुनिया नामक एक केंद्र का संचालन करती है। इसके अतिरिक्त, वे जलेश्वर नाथ शरण फाउंडेशन के निदेशक हैं, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। इस फाउंडेशन ने लायंस क्लब के सहयोग से रक्तदान शिविर, नेत्र जांच शिविर और गरीब व अनाथ लड़कियों के विवाह का आयोजन किया है। शरण खादी, ग्रामोद्योग और गांधीवादी दर्शन पर लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उन्होंने समाज में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय युवा परियोजना के तहत कई शिविरों और रैलियों में भाग लिया है। उनका समर्पण और निस्वार्थ सेवा समाज को प्रेरणा प्रदान करती है।
कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिली- भगत से सर्व सेवा संघ परिसर पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है
अशोक शरण
अशोक शरण रेलवे विभाग द्वारा सर्व सेवा संघ की भूमि पर जबरन कब्जा करने और भवनों को ध्वस्त करने के विरोध में 6 दिसंबर को उपवास सत्याग्रह पर बैठे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कभी सपने मे भी किसी ने ऐसा नही सोचा होगा कि सरकार आचार्य विनोबा भावे, लाल बहादुर शास्त्री, डा राजेन्द्र प्रसाद के सहयोग से सर्व सेवा संघ द्वारा खरीदी गई भूमि को जबरन कब्जा कर लेगी। कार्यपालिका और न्यायपालिका ने अभी तक सर्व सेवा संघ के सभी निवेदनों पर कोई सकारात्मक रुख नही दिखाया है और यह लड़ाई लंबी चलने वाली है।
बनारस के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मिली-भगत से यह कब्जा
सत्याग्रह के माध्यम से हम जन साधारण को जागरूक करना चाहते हैं और सरकार को भी सचेत करना चाहते हैं कि समय रहते सर्व सेवा कि भूमि वापस कर दे और भवनों को तोड़ने, लायब्रेरी की किताबों और अन्य संपत्तियों को नुकसान का उचित मुवावज दे। बनारस के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मिली-भगत से यह कब्जा किया गया है। अतः इस पूरे कांड की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवायी की जाए। यह भी एक अजीब विडंबना है कि एक ओर केंद्र सरकार गांधी जी के साबरमती आश्रम परिसर के स्वरूप को बदलने के लिए रुपये 1200 करोड़ खर्च करने कि योजना बना रही है और दूसरी ओर गांधी जी के मृत्यु के उपरांत उनके विचारों के लिए बनी संस्था की 12.89 एकड़ भूमि हड़प रही है, यदि वर्तमान सरकार की गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धा है तो वह शीघ्र यह जमीन के मामला का समाधान कर उचित निर्णय ले।
गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 87वें दिन प्रशासन की यह कार्रवाई निन्दनीय है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता अशोक कुमार शरण के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर,लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर,एक कदम गांधी की ओर के प्रमुख सत्य प्रकाश भारत , वरिष्ठ गांधीवादी कार्यकर्ता सुरेश भाई आदि शामिल रहे।
राजघाट,वाराणसी : “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह”का 86वां दिन : सरकार दमनकारी नीति छोड़े
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!