कोलकाता में भी चला रहा एसडीपी रक्तदान अभियान
टीम पीएसएफ का लिया गया संकल्प, शुभ महालया एवं गांधी जयंती के दिन झारखंड में पहली बार किसी सामाजिक संस्था टीम पीएसएफ के प्रयास एवं जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सहयोग से एक बहुत बड़ा अभियान के तहत 1000 ( फिलहाल आज तक 1075 ) एसडीपी रक्तदान पूरा करते हुए स्थापित हुआ नया कीर्तिमान. पश्चिम बंगाल के राजधानी कोलकाता में भी चला रहा एसडीपी रक्तदान अभियान. टीम पीएसएफ ने एक नया जोश के साथ आगे की कार्यो के लिए लिया गया संकल्प.
कौन कहता है कि आकाश में सुराख नहीं हो सकता..-अरिजीत सरकार
इस उपलब्धि पर टीम पीएसएफ के निदेशक अरिजीत सरकार कहते हैं, “कौन कहता है कि आकाश में सुराख नहीं हो सकता- एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो. हर-दिन कुछ नया करने का और शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव तक अपने सामाजिक दायित्व का निरंतर निर्वाहन के चलते टीम पीएसएफ ने सभी के दिलों में एक अलग जगह बनाई. जिसका एक पहलू है, सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान महा अभियान ( गम्भीर बिमारी जैसे कैंसर, डेंगू के लिए एक जीवनदाई वरदान साबित हुआ है एसडीपी रक्तदान ), जिसे टीम हमारी टीम ने एक ज़िद के साथ संकल्प लिया था, ( जबकि उस वक्त एसडीपी रक्तदान के विषय में जागरूकता की भारी कमी थी.”
खरा उतरने पर ही कोई एसडीपी रक्तदान कर पाता है
उन्होंने आगे कहा, “अनुमानित 40 मिनट से लेकर एक घंटे तक रक्तदाता को डोनेशन बेड पर रहकर रक्तदान करना पड़ता है, रक्तदान के पहले ही कई मानकों/ टेस्ट से गुजरना पड़ता है, खरा उतरने पर ही कोई एसडीपी रक्तदान कर पाते हैं ) और सबसे महत्वपूर्ण तथ्य इसे पूर्व से तैयार कर के भी नहीं रखा जा सकता. अस्पताल में इलाजरत किसी जरूरतमंद के जरूरत पर, काफी कम समय पर रक्तदाताओं को ब्लड सेंटर पहुंचकर अपना रक्तदान करना होता है. निश्चित तौर पर ऐसे रक्तवीर योद्धाओं का समाज के लिए एक बड़ा समर्पण है.”
रक्तदान करवाने के लिए रात के 12 बजे घर के दरवाजे पर इंतजार करते हुए भी देखा गया
अरिजीत सरकार कहते हैं, कि ऐसी भी विपरीत परिस्थिति को उन्होंने देखा है, जब पूरा देश कोरोना, डेंगू जैसा भीषण महामारी के संकट से जूझ रहा था. उन्होंने तमाम रक्तदाताओं के जज़्बे को सलाम किया है, जिन्होंने आंधी-तूफान, बारिश, तपती गर्मी, अहले सुबह, मध्य रात्रि, सुनसान सड़क, लॉकडाउन, अपने जीवन और किसी भी परिस्थिति की परवाह किए बगैर, सिर्फ और सिर्फ मानव सेवा को ही सर्वोपरि रखते हुए, टीम पीएसएफ के आह्वान पर, एक वीर जांबाज योद्धा की तरह हवा की भी तेज गति से, जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंचकर रक्तदान कर जाते. कई रक्तवीर योद्धाओं के माता-पिता अपने योद्धा को रक्तदान करवाने के लिए रात के 12 बजे घर के दरवाजे पर इंतजार करते हुए भी देखा गया.
यही झलक, यही संस्कृति, यही भाईचारा, एक इंसान का दूसरे इंसान के प्रति अपार प्रेम
वे कहते हैं, “यही झलक, यही संस्कृति, यही भाईचारा, एक इंसान का दूसरे इंसान के प्रति अपार प्रेम ने हमारे जमशेदपुर शहर को पूरे भारतवर्ष में एक अलग पहचान दिलाई है. में उन सभी संस्थाओं को आज नमन करता हूं, जो इस अभियान को लेकर चल रहे हैं. लगभग 100 से अधिक नियमित एसडीपी रक्तवीर योद्धा, टीम पीएसएफ के कार्य से प्रभावित होकर, नियमित रूप से एसडीपी रक्तदान कर रहे हैं. साधारण रक्तदान करने से ही कितनों को देखा गया किन्तु-परन्तु करते हुए. जिसमें अनुमानित 10 मिनट का ही वक्त लगता है. इस पावन बेला पर वैसे एसडीपी रक्तवीर योद्धा जिन्होंने कम से कम 25 बार या उससे अधिक बार एसडीपी रक्तदान किया है.
ये रक्तवीर योद्धा हुए सम्मानित
पहले एसडीपी/कुल रक्तदान करने वालों को बारी बारी से सम्मानित किया गया, जिनमें- सार्थक कुमार अग्रवाल, कुमारेस हाजरा, उत्तम कुमार गोराई, धीरज कुमार, आनन्द प्रसाद, कमल कुमार घोष, डॉक्टर विनय कुमार सिंह, अजित कुमार भगत, अवधेश कुमार वर्मा, राकेश कुमार, शुभेंदु मुखर्जी, सुखविंदर पाल सिंह सग्गू, आनन्द मित्रा, प्रवीण कुमार, राजन बनर्जी, नागेश चौधरी, टी. दीपक, सुरेश शर्मा, अनुपम घोष, मनोरंजन गौड़, राजकुमार, रवि कुमार, अनिल प्रसाद, मिलन वेरा, मिलन सांतरा, जयदेव बनर्जी, विश्वजीत सरकार, विश्वजीत प्रामाणिक एवं मंटू सिंह मोदक शामिल रहे.
डॉक्टर्स व तकनीशियन हुए सम्मानित
तत्पश्चात जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सम्मानित होने वाले पदाधिकारी, डॉक्टर्स एवं तकनीशियन के रूप में डॉ. लव बहादुर सिंह, जीएम संजय चौधरी, डॉक्टर रीता सिंह, डॉक्टर निर्जला झा, मनोज कुमार महतो, अनुप कुमार श्रीवास्तव, धीरज कुमार, धनंजय प्रसाद, शुभोजीत मजूमदार, चंदन कुमार, अभिषेक धर, स्वपन राणा, मोहन मंडल, आदित्य कुमार, सुबीर बनर्जी, सुदीप प्रामाणिक, रत्नेश कुमार सिंह, शिवा टूडू, शाहिद मुखी, राव बाबू एवं सुजीत मालाकार शमिल्र रहे.
1000 एसडीपी रक्तदान सम्पन्न होने की खुशी में काटा गया 10 पाउंड का केक
सबसे आकर्षण का केंद्र रहा 1000 एसडीपी रक्तदान सम्पन्न होने की खुशी में काटा गया 10 पाउंड का केक, जो सभी को अपनी तरफ़ आकर्षित कर रहा था, क्योंकि केक कटिंग करते समय शुभ महालया पर ढाक की आवाज़ से पूरा परिसर गूंज रहा था. एसडीपी रक्तदान के महा अभियान में सहयोग प्रदान करने वाले उदगम के संरक्षक अमित सिंह उर्फ बॉबी सिंह, श्री शनिदेव भक्त मंडली ट्रस्ट के देवव्रत घोष, नमो फैन्स क्लब के सतीश शर्मा, बीएसएसआर यूनियन के देवी प्रसाद दास, आनन्द मार्ग के सुनील आनंद, नई जिंदगी के राजेश मार्डी, वीबीडीए के संस्थापक सुनील मुखर्जी, जुगसलाई के धोनी उर्फ आशीष अग्रवाल, समाजसेवी सह प्रशासनिक पदाधिकारी के तौर पर रजनीश जी को सम्मानित किया गया.
सभी सम्मानित योद्धाओं को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इस पावन बेला पर इन सभी वीरों को सम्मानित एवं एक जोश प्रदान करने हेतुएक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट मृत्युंजय कुमार, जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सचिव नलिनी राममूर्ती, डॉक्टर लव बहादुर सिंह तथाअमिताभ चटर्जी उपस्थित रहे.
Jamshedpur : उत्कृष्ट सेवा के लिए पीएसएफ के निदेशक अरिजीत सरकार को मिला मानव सेवा सम्मान
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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