अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद झारखंड द्वारा वर्तमान झारखंड सरकार की कथित विफलता को लेकर बीते 15 सितंबर को प्रांत स्तरीय छात्र गर्जना का आयोजन रांची में किया था, साथ ही इस कार्यक्रम को झारखंड राज्य के सभी जिलों में छात्र गर्जना के साथ बदहाल झारखंड का काला दस्तावेज समाज के समक्ष रखने का कार्यक्रम का आह्वान किया गया था।
बुधवार 25 सितंबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूर्वी सिंहभूम जिले द्वारा स्थानीय उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संगठन के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य सरकार को निशाना साधा
इस दौरान संगठन के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य सरकार को निशाना साधा. महानगर मंत्री अभिषेक कुमार ने वर्तमान झारखंड के परिदृश्य पर अपना विचार रखते हुए कहा कि झारखंड आज 24 वर्ष पूरे करने के कगार पर खड़ा है, लेकिन अपना वयस्क राज्य झारखंड आज भी गरीबी और कमजोर प्रशासन की मार झेल रहा है। देश के 40 प्रतिशत खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में आज भी लगभग 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। वहीं लगभग 20 प्रतिशत शिशु और बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। कहा कि तिलका मांझी और सिदो कान्हू के रक्त से सींचा गया राज्य झारखंड आज भी अपनी तंग हाली पर रो रहा है।
मुफ्त की योजनाएं लाकर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास
महानगर सह मंत्री रोशनी कुमारी ने कहा फूलो-झानो के रक्त से सिंचित संथाल की महिलाएं आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। बिलखती महिलाएं- तड़पता झारखंड, सरकार के पूरे कार्यकाल पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है?
विभाग सह संयोजक सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि राज्य के युवा, महिला, मजदूर, किसान और आम जनता ने यह महसूस किया है कि लोक लुभावन वादों के साथ सत्ता में आई, झारखंड सरकार एक बार पुनः मुफ्त की योजनाएं लाकर राज्य की जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
शिक्षा व्यवस्था किसी भी राज्य की रीढ़ की हड्डी होती है
महानगर सह मंत्री शुभम राज ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था किसी भी राज्य की रीढ़ की हड्डी होती है।उच्च शिक्षा में सामान्य विश्वविद्यालय, महाविद्यालय,इंजीनियरिंग कॉलेज,मेडिकल कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज आदि शामिल है. इसका सशक्त होना राज्य के तरक्की के लिए महत्वपूर्ण होती है. यहां न तो विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति है, न तो कॉलेज में नियमित प्रधानाचार्य। शिक्षक की कमी का असर गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर हो रही है, जिसके कारण झारखंड राज्य के विद्यार्थी बाकी राज्य की तुलना में रोजगार और जीवन मूल्यों के मापदंड में पिछड़ते जा रहे हैं।
कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है
कार्यक्रम संयोजक अभिषेक तिवारी ने कहा पिछले 5 वर्षों में शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार, समाज कल्याण और अन्य सरकारी व्यवस्था की तरह ही राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं और स्थिति में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति अत्यंत ही दयनीय और चिंताजनक है राष्ट्र स्तर पर आज भी समाज के गरीब और शोषित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाएं की पहुंच के मामले में झारखंड काफी पीछे हैं.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला संयोजक विशाल वर्मा विभाग संयोजक विकास बास्के, अभिषेक कुमार , सिद्धार्थ सिंह , बापन घोष , योगेश्वर यादव , शुभम राज , सौरभ ठाकुर ,नेहा , रोशनी , आकाश सिंह, अंकित पंडित,विजय सहित अन्य छात्र – छात्राएं मौजूद थे ।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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