बच्चा यहां जो भी सीखता है, वही उसके संस्कार बन जाते हैं
हर मनुष्य का बचपन वह दर्पण है जिसमें उसके भावी व्यक्तित्व की झलक देखने को मिलती है। परिवार एक प्रयोगशाला होती है एवं माता उसकी प्रधान वैज्ञानिक के रूप में जानी जाती है। यदि जीवन के इस प्रयोगशाला में सुसंस्कृत एवं आत्म-सम्मान पूर्ण बच्चों का निर्माण करना हो तो उन्हीं के अनुरूप प्रयत्न एवं प्रयोग करना चाहिए। कौन मां-बाप नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे सभ्य समाज की एक कड़ी बने। इसके लिए हर माता-पिता को बच्चे की नींव मजबूत बनानी होगी। परिवार एक पाठशाला है, बच्चा यहां जो भी सीखता है वही उसके संस्कार बन जाते हैं।
बच्चों की शिक्षा के लिए केवल मात्र अध्यापकों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए
आजकल ज्यादातर मां-बाप परिवेश खराब का हवाला देकर अपने बच्चों को अपनों से दूर छात्रावास में रखना ज्यादा पसंद करते हैं, जो कदापि उचित नहीं है। प्रायः देखा जाता है बच्चा जब स्कूल जाने लगता है, तब अभिभावक शिक्षक पर ही निर्भर हो जाते हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए केवल मात्र अध्यापकों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए. अध्यापकों के लिए कोई एक ही विद्यार्थी तो नहीं. उन्हें तो 40-50 विद्यार्थियों के साथ माथा-पच्ची करनी पड़ती है. 50 जगह बंटा रहता उनका ध्यान. फलस्वरूप बच्चों को अधिक लाभ नहीं पहुंच पाता. इसीलिए अभिभावकगण द्वारा बच्चों को स्वयं भी थोड़ा समय देकर उस कमी को पूरा करते रहना चाहिए।
बच्चों की अधिकांश बुराइयों के लिए माता-पिता एवं अभिभावक स्वयं उत्तरदायी होते हैं
यदि बच्चों में जीवन के हर क्षेत्र में सावधान तथा जिज्ञासु बनाकर,उत्सुक आंख लेकर हर चीज को ठीक से देखे और समझते चलने की आदत का विकास कर दिया जाए, तो समझो उसके लिए ज्ञान के साथ सफलता का द्वारा ही खोल दिया। बच्चों में सेवा-भाव का विकास अवश्य करनी चाहिए। बच्चों में आलस्य,उच्छंशृंखलता, अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचार आदि की जिम्मेदारी अधिकांश माता-पिता या तो बच्चे के साथियों पर डाल देते हैं या फिर पड़ोसियों और परिवेश पर, किंतु तथ्य यह है कि इनमें से अधिकांश बुराइयों के लिए माता-पिता एवं अभिभावक स्वयं उत्तरदायी होते हैं।
बच्चों की शिक्षा व संस्कार पर यह था उज्वल कुमार मंडल का आलेख
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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