राजनैतिक लाभ के लिए कुछ सामाजिक व राजनीतिक संगठन राज्य में अशांति फैला रहे हैं
आज झारखंड जनाधिकार महासभा का प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्य सचिव एल. खियांग्ते से मिला और लोकसभा चुनाव की पूरी अवधि के दौरान धार्मिक आयोजनों पर विशेष निगरानी की मांग की. मुख्य सचिव ने न्यायनगत कार्यवाही का आश्वासन दिया।
धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत के संविधान की एक मूल अवधारणा है. लेकिन राजनैतिक लाभ के लिए कुछ सामाजिक और राजनीतिक संगठन इस भावना के प्रतिकूल आचरण कर राज्य में अशांति फैला रहे हैं और सामाजिक सौहार्द्र को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं. महासभा को आशंका है कि लोक सभा चुनाव के दौरान होने वाले धार्मिक पर्वों और आयोजनों का इस्तेमाल कर लोगों के धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जाएगी.
कई जगह ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखे बैनर भी लगाये गए हैं !
22 जनवरी 2024 के धार्मिक कार्यक्रम के लिए पूरे राज्य में सार्वजानिक स्थलों पर जो धर्म विशेष झंडे लगाये गए थे, उनमें से अधिकांश आज तक नहीं उतारे गए हैं. कई जगह ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखे बैनर भी लगाये गए हैं. भाजपा, आरएसएस व उनसे जुड़े संगठनों द्वारा इनका इस्तेमाल चुनावी प्रभाव बनाने के लिए किया जा रहा है. शिकायतों के बावजूद ऐसे बैनर अभी तक नहीं उतारे गए हैं. महासभा ने मुख्य सचिव से 8 फरवरी 2024 को भी मिलकर यह मांग किया था.
धार्मिक पर्वों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक हिंसा व धार्मिक ध्रुवीकरण की संभावना
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से कहा कि 17 अप्रैल को रामनवमी है, जिसका इस्तेमाल ऐसे संगठनों व राजनैतिक दल द्वारा चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए किए जाने की आशंका है. पिछले कुछ सालों में रामनवमी के दौरान राज्य में अल्पसंख्यकों को केन्द्रित कर भड़काऊ व अश्लील गानों का इस्तेमाल, अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के सामने प्रदर्शन,रैली एवं सांप्रदायिक हिंसा आदि बढ़ी है. इस दौरान कई ज़िलों में प्रशासन व पुलिस की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठे थे. इस बार लोक सभा चुनाव के मद्देनजर धार्मिक पर्वों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक हिंसा व धार्मिक ध्रुवीकरण की संभावना है।
इस परिप्रेक्ष में महासभा की मांगें
अभी से चुनाव तक की अवधि में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान/त्योहार/कार्यक्रम में सार्वजानिक स्थलों, रोड, बिजली पोल, सरकारी दफ्तरों, थाना, पुलिस व अर्धसैनिक बल कैंप आदि में लगाये गए धार्मिक झंडों, बैनर व प्रतीकों को अनुष्ठान/त्योहार/कार्यक्रम ख़तम होने के 48 घंटों के अन्दर हटाया जाए.
हर धार्मिक अनुष्ठान/त्योहार/कार्यक्रम पर विशेष निगरानी हो कि किसी भी प्रकार के भड़काऊ व अश्लील गानों का इस्तेमाल, अन्य धार्मिक स्थलों के सामने प्रदर्शन व रैली आदि का आयोजन न हो। अगर कहीं भी ऐसा हो, तो तुरंत suo motu न्यायसंगत कार्यवाई की जाए।
किसी भी परिस्थिति में राज्य में कहीं भी अश्लील व उत्तेजक गाने बजाए जाते हैं या नफरती व भड़काऊ भाषण दिया जाता है, तो “ASHWINI KUMAR UPADHYAY versus UNION OF INDIA & ORS.” (Writ Petition (Civil) No. 943/2021) मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार दोषियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 153B, 295A, 505(1) समेत अन्य संबन्धित धाराओं अंतर्गत बिना शिकायत के suo motu प्राथमिकी दर्ज कर न्यायसंगत कार्यवाई की जाए।
• प्रशासन और पुलिस की निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
पत्र के हस्ताक्षरकर्ता अफ़जल अनीस, अलोका कुजूर, अंबिका यादव, भरत भूषण चौधरी, दिनेश मुर्मू, एलिना होरो, कुमारी लीना, ज्योति कुजूर, मंथन, मेरी निशा हंसदा, पकु टुडू, प्रवीर पीटर, रमेश जेराई, राजा भारती, सिराज दत्ता व टॉम कावला समेत कई सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!