भगत सिंह में 23 वर्ष की उम्र में भी थी वैचारिक परिपक्वता
23 मार्च : भगत सिंह शहीद त्रयी की याद में आज साझा नागरिक मंच की पहल पर एक वैचारिक चर्चा का आयोजन किया गया । यह चर्चा गोलमुरी स्थित भोजपुरी भवन में सम्पन्न हुई।
इस आयोजन में सुजय राय , रामकवीन्द्र सिंह, जे पी सिंह विश्वजीत देव ,जगनारायण, सुरेश प्रसाद, अरविन्द अंजुम, पीयूष गुप्ता, श्यामली राय, राजश्री, चिन्मयी मंडल, अरविन्द विद्रोही, अवधेश कुमार, राजकुमार दास, निमाई गोप, दिनेश यादव , श्याम किशोर , काशीनाथ प्रजापति ,मुरारी प्रसाद, अंकुर शाश्वत, देवाशीष, बबलू मुखर्जी, कुमार दिलीप, तिमिर तारण, मंथन, रामबचन आदि तीस से ज्यादा लोगों ने शिरकत की । धारा के तौर पर कहें तो इस चर्चा में कम्युनिस्टों, अम्बेडकरवादियों और गाँधीवादियों की अच्छी भागीदारी रही ।
चर्चा का संचालन रामकवीन्द्र ने किया। वक्ताओं ने भगत सिंह के अद्भुत क्रांतिकारी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए आज के दौर में उनकी प्रेरक प्रासंगिकता चिन्हित की। भगत सिंह की जिन्दगी के अंतिम कुछ घंटों का एक प्रकरण सहभागियों की संवेदना को छू गया। भगत सिंह ने अपने फाँसी के पहले का भोजन जेल के भंगी के घर से मंगाया था। भगत सिंह की 23 वर्ष की उम्र की वैचारिक परिपक्वता, समस्याओं के विविध आयामों की खुली और गहरी समझ चकित ही नहीं करती, उन्हें युगांतरकारी नेतृत्व के रूप में स्थापित करती है।
समाजवाद के विकल्प के चिंतक और कार्यकर्ता थे भगत सिंह
भगत सिंह नये शोषणमुक्त , विषमतामुक्त भारत की चेतना रखते थे। वे समाजवाद के विकल्प के चिंतक और कार्यकर्ता थे। वे साम्राज्यवाद के ही नहीं ; पूँजीवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता – धर्मांधता, स्त्री-पुरूष विषमता के भी समान रूप से मुखर विरोधी थे। भगत सिंह का व्यक्तित्व युवापन में अन्तर्निहित क्रांतिकारी संभावनाओं का साकार प्रमाण था।
इस चर्चा में मौजूदा संकट और चुनौतियों पर भी बातें आयीं। यह बात उभर कर आयी कि आज की मौजूदा हुकूमत भगत सिंह के सपनों की कातिल है। स्त्री विरोधी, मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी धर्मांध भाजपा का विरोध करना भगत सिंह से प्रेरित तमाम जनों की अनिवार्य जिम्मेवारी है।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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