हेमंत की गिरफ्तारी की घटना का भ्रष्टाचार पर रोक से कोई लेना-देना नहीं है
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ED द्वारा गिरफ्तारी मोदी सरकार द्वारा निदेशित एक निरंकुश और निन्दनीय कदम है। ED द्वारा बार बार मुख्यमंत्री को पूछताछ हेतु समन और अब गिरफ्तारी की घटना का भ्रष्टाचार पर रोक से कोई लेना-देना नहीं है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी एक स्पष्ट बहुमत से स्थापित जनतांत्रिक सरकार को अस्त व्यस्त करने का कदम है। यह झारखंडी जनमत पर आघात और अपमान है। लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी कर ये बातें कही गई हैं.
ED द्वारा 95% विपक्षी नेताओं पर ही कार्रवाई
प्रेस बयान में आगे कहा गया है कि हेमंत सोरेन पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा अन्य राज्यों के एक मात्र आदिवासी मुख्यमंत्री हैं एवं वे लगातार आदिवासियों के अधिकारों और झारखंडी अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे थे. यह भाजपा का असली आदिवासी विरोधी व झारखंडी विरोधी चेहरा है. यह पूरी तरह से विपक्षी सरकारों और दलों को डराकर, दबाकर 2024 में संभावित हार को टालने की अलोकतांत्रिक कार्यवाही है। यह महज़ संयोग नहीं है कि मोदी सरकार के अधीन ED द्वारा जितने भी राजनैतिक नेताओं पर कार्रवाई की गयी है, उनमें 95% विपक्षी नेता ही हैं.
…क्योंकि ऐसे अधिकांश लोग भाजपा से जुड़े हैं या उसके समर्थक हैं
हेमंत सोरेन पर कथित रूप से ज़मीन घोटाले व इससे जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप पर ED कार्रवाई कर रही है. हेमंत सोरेन ने अपने बयान में ही स्पष्ट कहा है कि यह भुइंहरी ज़मीन है और इनका इससे भी कोई लेना देना नहीं है. बल्कि सच्चाई यह है कि कई गैर-आदिवासी नेता व अन्य लोग झारखंड में आदिवासियों की ज़मीन लगातार लूट रहे हैं, लेकिन इस पर केंद्रीय एजेंसियां मौन धारण किये हुई हैं, क्योंकि ऐसे अधिकांश लोग भाजपा से जुड़े हैं या उसके समर्थक हैं.
हेमंत सोरेन ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के फासीवादी इरादों के आगे घुटने टेकने की जगह मुकाबला किया है। यह स्वागतयोग्य और प्रशंसनीय है। हेमंत सोरेन का राजनैतिक कद इससे बड़ा हुआ है। नीतीश कुमार के शर्मनाक आत्मसमर्पण के प्रकरण के दौर में यह एक उम्मीद भरी राहत है।
मोदी सरकार राज्यपाल के ज़रिए चम्पई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने में अड़चनें डालने की कोशिशें कर रही है
मोदी सरकार हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी तक ही नहीं रहनेवाली है। अब वह राज्यपाल के जरिए चम्पई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने में अड़चनें डालने की कोशिशें कर रही है। ऐसे वक्त में इंडिया गठबंधन के दलों के बीच पूरी एकता की जरूरत है। झारखंडी जनता को भी इस निरंकुश कदम के विरोध में मुखर और सक्रिय होने की जरूरत है।
भाजपा अपने जनाधार से ज्यादा प्रशासनिक हेराफेरी से ही चुनाव जीतने पर भरोसा करती है
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी इस बात का भी संकेत है कि भाजपा अपने जनाधार से ज्यादा प्रशासनिक हेराफेरी से ही चुनाव जीतने पर भरोसा करती है। अगर उसमें जनमत का सम्मान और भरोसा होता, लोकतांत्रिक और नैतिक साहस होता तो वह ED और राज्यपाल का दुरूपयोग नहीं करती। स्वायत्त चुनाव के तहत निष्पक्ष चुनाव से व्यक्त जनादेश के लिए तैयार रहती।
राज्यपाल से मांग की है कि अपने संवैधानिक पद की गरिमा को बनाए रखें
लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान ने राज्यपाल से मांग की है कि अपने संवैधानिक पद की गरिमा को बनाए रखें और तुरंत चम्पई सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन दलों की सरकार का गठन करें. अभियान राज्य की जनता से अपील करती है कि 2024 लोकसभा चुनाव में इस तानाशाही मोदी सरकार और भाजपा को कड़ी हार दें और झारखंड, देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने में अपनी भूमिका निभाएं. हमें पूर्ण विश्वास है कि झारखंडी जनता चुनाव में भाजपा को नकार कर इस अपमान का हिसाब बराबर करेगी, लोकतंत्र को बचायेगी, अपने अधिकारों की रक्षा और विस्तार के लिए लड़ती रहेगी।
अभियान की ओर से अफ़जल अनीस, अंबिका यादव, अलोका कुजूर, भरत भूषण चौधरी, भाषण मानमी, दिनेश मुर्मू , एलिना होरो, ज्योति कुजूर, कुमार चन्द्र मार्डी, किरण, लीना, लालमोहन सिंह खेरवार, मेरी निशा हंसदा, मंथन, प्रवीर पीटर, पकू टुडु, रमेश जेराई, रेशमी देवी,रोज़ खाखा, सिराज दत्ता और टॉम कावला शामिल।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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