टीएसडीपीएल कंपनी द्वारा झारखंड सरकार के कानून की अवहेलना की जा रही है
झारखंड जनतांत्रिक महासभा ने 10 दिसंबर को आयोजित मजदूर सम्मलेन के बिरसा चौक, साकची स्थित बिरसा मुंडा के मूर्ति के समक्ष आज 04 दिसंबर को प्रेस कांन्फ्रेंस किया गया]. प्रेस कांन्फ्रेंस के माध्यम से कृष्णा लोहार और दीपक रंजीत ने कहा कि जनतांत्रिक महासभा मजदूरों की समस्याओं के समाधान को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार सक्रिय है. चरणबद्ध आंदोलन जारी है. टीएसडीपीएल कंपनी में हुड़का जाम कार्यक्रम करने के बाद भी अभी तक कंपनी ने कितने लोगों की बहाली की है, उसकी सूची नहीं उपलब्ध नहीं कराई. कितने स्थानीय लोगों को परमानेंट किया, उसका सूची नहीं दी. जो लोग गलत तरीके से स्थानीय नीति प्रमाण-पत्र बनाया है, उसकी भी जाँच नहीं करवाई.
बिहार-यूपी से काम करने आए मजदूरों को परमानेंट कर दिया जा रहा है
15 सालों के काम कर रहे झारखंडी मजदूरों को परमानेंट नहीं कर दो तीन साल पहले बिहार-यूपी से काम करने आए मजदूरों को परमानेंट कर दिया जा रहा है. इन्ही सब समस्याओं को दूर करने के लिए झारखंडी मजदूरों को 40 हजार तक की नौकरियों में प्राथमिकता का कानून बनाया, लेकिन टाटा कंपनी के कुछ अधिकारी और यूनियन के गठजोड़ से अन्य राज्यों से काम करने आए मजदूरों को टीएसडीपीएल कंपनी में परमानेंट कर झारखंड सरकार के कानून की अवहेलना की जा रही है. इसके खिलाफ आगे का रणनीति बनाने के लिए 10 दिसंबर को आयोजित मजदूर संसद में चर्चा की जाएगी.
स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता देने के कानून की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना
कहा, कि डिमना क्षेत्र में लगभग 35 कंपनियाँ हैं, जो स्थानीय मजदूरों को 75% प्राथमिकता कानून के दायरे के अंतर्गत आती हैं, लेकिन सिर्फ 3 कंपनियों ने अपना डेटा कार्यालय में सब्मिट किया है.और जो डेटा दिया है व भी काफ़ी पुराना है. त्रिवेणी जैसी कंपनी में 2-3 साल काम करने के बाद भी वहां के कई मजदूरों का पीएफ-इएसआई कार्ड तक नहीं बना है. नेशनल हाइवे स्थित बाकि 33 कंपनियों ने तो अभी तक कोई डेटा ही जमा नहीं करवाया है. स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता देने के कानून की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना की जा रही है. इन्ही सब मुद्दों को लेकर 10 दिसंबर को आयोजित मजदूर संसद में चर्चा की जाएगी.
प्रेस कांन्फ्रेंस में मुख्य रूप से कृष्णा लोहार, अजित तिर्की, दीपक रंजीत, बीरेंद्र कुमार, सुनील हेब्रम, सोमनाथ मुख़र्जी, सागर पाल, घासीराम सिंह आदि लोग उपस्थित थे.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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