राजभवन के समक्ष किसान-मजदूरों का महापड़ाव
27 नवम्बर 2023 : केंद्र सरकार ने किसानों और मजदूरों से जो वायदा किया था, उससे सरकार मुकर गई है। किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिली और न ही किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर हत्या करने वाले अजय मिश्रा टैनी की गिरफ्तारी हुई और न ही बिजली संशोधन बिल की वापसी हुई, दूसरी तरफ मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता के द्वारा देश के मजदूरों के आधिकारों पर हमले की कोशिश हुई है, जिसके खिलाफ़ पूरे देश में मजदूरों और किसनों का आन्दोलन फिर सुलग उठा है। किसनों मजदूरों का महापड़ाव इसी की शुरूआत है।
किसान केवल अन्नदाता नहीं, सरकार भी बनाते हैं
उपरोक्त बातें आज झारखंड राजभवन के समक्ष किसान मजदूरों के महापड़ाव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के झारखंड प्रभारी और अखिल भारतीय किसान महासभा राष्ट्रिय महासचिव राजा राम सिंह ने संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि किसान केवल अन्नदाता नहीं, सरकार भी बनाते हैं और हम देश का कानून भी बनाएंगे। मजदूरों और किसनों के खिलाफ कोई कानून जो देश हित में नहीं हो वह देश में नहीं चलेगा। अगर किसान अनाज नहीं उगाएगें , अनाज की खरीद सरकारी स्तर पर नहीं होगी तो पीडीएस से लेकर आंगनवाड़ी और मिड डे मील में बच्चों का आहार भी बंद हो जाएगा।
सरकार काम के घंटे तो तय कर रही है, लेकिन उसके राशन की गारंटी नहीं कर रही है
सरकार काम के घंटे तो तय कर रही है, लेकिन उसके राशन की गारंटी नहीं कर रही है। काम का घंटा बढ़कर भोजन में कटौती करना अब 54% एनीमिया के शिकार लोगों की संख्या ही बढ़ाना है। केंद्र सरकार देश की पीडियों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है 74 वर्षों से जो जंगलों में रह रहे हैं जमीन के मालिक वही किसान है। पूंजीवादी व्यवस्था को अंतिम विकल्प बताने वाले सब चुप हैं। जनता को ऐसी सभ्यता नहीं चाहिए, जहां बच्चों महिलाओं और निर्दोषों लोगों पर बर्बर हमले हो। महापड़ाव की लड़ाई आगे दूर तक जाएगी, दिसंबर तक हम मांग पूरा करने की उम्मीद करेंगे, लेकिन दिसंबर के बाद आन्दोलन और तेज होगा।
किसान मजदूर हित की जो बात करेगा वही देश पर राज करेगा-शुभेंदु सेन
इस देश को देश के किसानों और मजदूरों ने बनाया है। धरती के अंदर मीठा पानी की खोज भी किसानों ने की है। देश राजा से नहीं, संविधान से चलेगा संविधान को खत्म करने की साजिश करने वाली सरकार को देश के किसान मजदूर इस बार गद्दी से उतार फेकेंगे। आम आदमी से जीएसटी की वसूली कर सरकार द्वारा अपना कोटा भरा जा रहा है। तख्त बदल दो ताज बदल दो कारपोरेट लूट का राज बदल दो,
देश की संपत्ति को निजी हाथों में बेचना राष्ट्रभक्ति नहीं, बल्कि देश के साथ गद्दारी-शुभेंदु सेन
ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि देश की संपत्ति को निजी हाथों में बेचना राष्ट्रभक्ति नहीं, बल्कि देश के साथ गद्दारी है। सभी श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता के द्वारा मजदूरों को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। अमीरों की टैक्स माफ़ी और गरीबों से बटमारी नहीं चलेगा। जो किसान मजदूर हित की जो बात करेगा वही देश पर राज करेगा।
संबोधित किया…
राजभवन पर आयोजित मजदूर किसान महापड़ाव कार्यक्रम को किसान महासभा के महासचिव और पूर्व विधायक राजकुमार यादव ऐक्टू के अध्यक्ष बैजनाथ मिस्त्री , किसान महासभा के नेता, पुरन महतो, मज़दूर नेता बिकास, स्कीम वर्कर फेडरेशन की नेता गीता मण्डल, किसान महासभा के बिमल दास, एचएमएस के अवधेश सिंह, अनिता देवी, परमेश्वर महतो, किसान सभा के के डी सिंह, सीटू के उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लोव, विश्वजीत देव एटक नेता अशोक यादव, इंटक संजीव कुमार सिन्हा, सुफल महतो, भीम साहू, महेश कुमार सिंह, हरि प्रसाद पप्पू, सुरजीत सिन्हा, सेख साहदूल, त्रिलोकी कुमार, प्रफुल लिंडा, हीरा गोप, अमल घोष, आदि ने मुख्य रूप से संबोधित किया।
महापड़ाव कार्यक्रम में तीन राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमे उताराखंड के उतरकासी सुंरग में फंसे मजदूरों की अविलंब सकुशल बाहर निकालने, 90 हजार भारतीय मजदूरों को इजराइल भेजने की समझौता रद्द करने , जातीय जनगणना का काम पुरे देश में कराने की मांग कीगई।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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