पूर्वी सिंहभूम के आयुष्मान योजना के लगभग 6 लाख लाभार्थियों का पिछले 15 दिनों से मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। इससे आयुष्मान से संबद्ध अस्पतालों से कार्ड होने के बावजूद मरीजों को वापस कर दिया जा रहा है। आयुष्मान की वेबसाइट के सर्वर में गड़बड़ी के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
इस समस्या का समाधान करने के बजाय अधिकारी सारा दोष वेबसाइट पर डाल कर अपनी पल्ला झाड़ रहे हैं। योजना से जुड़े 17 सरकारी और 21 निजी अस्पतालों में आयुष्मान के तहत इलाज पूरी तरह से बंद हो गया है।
आयुष्मान में हो रही धांधली को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 23 सितंबर को पुरानी वेबसाइट को बदल कर नई वेबसाइट लांच की है। नई वेबसाइट पर मरीजों को इनरॉल किया जा रहा है। मरीजों की ईकेवाईसी भी वेबसाइट पर करनी जरूरी है। लेकिन, सर्वर के नहीं चलने से न तो रजिस्ट्रेशन हो रहा है और न ही केवाईसी अपडेट हो रहा है। इसके माध्यम से कई मरीजों को उधार में पैसे लेकर इलाज कराना पड़ रहा है।
क्या है कारण
आयुष्मान के लिए पहले सेतु नामक वेबसाइट का संचालन हो रहा था। इसके माध्यम से ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन और कार्ड बनाने का काम होता था। केंद्र सरकार ने पुरानी वेबसाइट को बदल कर नई वेबसाइट लांच की। नई वेबसाइट पर मरीजों को इनरॉल करना जरूरी है। इसके लिए कार्डधारकों का ईकेवाईसी होना जरूरी है। 15 दिनों से सर्वर काम नहीं कर रहा है।
क्या हो रही समस्या सर्वर के ठप होने से रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते कार्डधारकों को बिना इलाज के ही वापस होना पड़ रहा है। लोगों को इलाज कराने के लिए पैसे देना पड़ रहा है। कई मरीज अस्पताल में दाखिल हैं उनको दवा भी नहीं मिल रही है। इसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दो केसों से समझिए क्या हो रही मरीजों को परेशानी
पांच दिन से चक्कर लगा रही पति के इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा
केस 1
जुगसलाई निवासी जाफर खान की तबीयत काफी खराब है। पत्नी जैदा बीवी पांच दिनों से एमजीएम का चक्कर लगा रही हैं पर योजना के तहत इलाज नहीं हो रहा है। जैदा ने कहा – योजना का लाभ नहीं मिलने से इलाज के लिए कर्ज लेने लेना पड़ रहा है।
इतने पैसे नहीं कि ऑपरेशन का सामान व दवाइयां खरीद सकूं
केस 2
बारीडीह निवासी सुमन के पिता के गॉल ब्लॉडर का योजना के तहत 4 अक्टूबर को ऑपरेशन होना था। सुमन ने कहा – हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि ऑपरेशन के लिए जरूरी सामान व दवाइयां खरीद सकूं। बाहर कहीं इलाज भी नहीं करा सकते।
इन अस्पतालों में होता है आयुष्मान इलाज
एपेक्स अस्पताल, एसजी अस्पताल, सीएचसी बहरागोड़ा, सीएचसी चाकुलिया, सीएचसी धालभूमगढ़, सीएचसी डुमरिया, सीएचसी जुगसलाई, सीएचसी मुसाबनी, सीएचसी पटमदा, सीएचसी पोटका, दया अस्पताल, गंगा मेमोरियल अस्पताल, गुरुनानक अस्पताल, एचसीएल अस्पताल मउभंडार, होली केयर अस्पताल, जमशेदपुर आई हास्पिटल, मर्सी अस्पताल, कांतिलाल गांधी अस्पताल, लक्ष्मी नर्सिंग होम, एमजीएम अस्पताल, मयंक मृणाल अस्पताल, मेहर बाई टाटा मेमोरियल अस्पताल, प्रणव आई अस्पताल, रवींद्रनाथ पाणि मेमोरियल अस्पताल, राजस्थान सेवा सदन, सेंट जोसेफ अस्पताल, सदर अस्पताल, साई पोली क्लीनिक नर्सिंग होम, सिंह नर्सिंग होम, स्मृति सेवा सदन, स्टील सिटी क्लीनिक, सब डिवीजन अस्पताल, घाटशिला, सुवर्णरेखा नर्सिंग होम डायग्नोस्टिक सेंटर, टाटा मोटर्स अस्पताल, टीएमएच गोलमुरी।
सर्वर में गड़बड़ी के चलते मरीजों का इलाज नहीं हो रहा
सर्वर में गड़बड़ी के चलते मरीजों इलाज नहीं हो रहा है। देश भर में यह समस्या है। समाधान का प्रयास लगातार किया जा रहा है। – डॉ जुझार मांझी, सिविल सर्जन
समाधान के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है
योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। 15 दिन से ऐसी स्थिति बनी हुई है। समाधान के लिए विभाग को पत्र लिखा है। – डॉ रवींद्र कुमार, अधीक्षक, एमजीएम
सर्वर चालू नहींं होगा तब तक इलाज नहीं हो सकता
रजिस्ट्रेशन और केवाईसी नहीं हो रहा है। सर्वर चालू नहीं होगा तब तक इलाज नहीं हो सकता है। दुरुस्त करने की कोशिश हो रही। – साहिद नजीर, कंप्यूटर ऑपरेटर
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