दुर्गा पूजा पंडालों की पूजा समितियां वाहन पार्किंग के लिए 5 से 10 रुपए वसूल सकती हैं। इसके अलावा, पार्किंग शुल्क की वसूली करने पर प्रशासन कार्रवाई करेगा। बुधवार को, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति और सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न बैठकों के दौरान इस पर निर्णय लिया। जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पूजा पंडाल की सुरक्षा उपाय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और प्रशासन के जारी की गई मार्गदर्शिका का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पंडाल की निर्माण में थर्माकोल और प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। दोनों समितियों के प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दी।
ड्रेस कोड भी लागू किया जा सकता है
उपायुक्त ने कहा कि दोनों पूजा समितियां एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बना सकती हैं। वॉलंटियरों की सूची को प्रशासन के साथ साझा किया जा सकता है। ड्रेस कोड भी लागू किया जा सकता है। एसएसपी किशोर कौशल ने यह कहा कि मेले में आने वालों से मनमाना पार्किंग शुल्क वसूलने की शिकायतें आम बात हैं। उन्होंने कहा कि यदि संभावना हो, तो पार्किंग की सुविधा मुफ्त होनी चाहिए, या फिर पार्किंग शुल्क को 5 से 10 रुपए तक ही वसूला जाना चाहिए। मेले के दौरान मनमाना पार्किंग शुल्क वसूलने की शिकायतें मिलती रहती हैं, तो ऐसे मामलों पर प्राधिकृत व्यक्ति के खिलाफ कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है। प्राधिकृत अधिकारी और पार्किंग स्टैंड के थाना प्रभारी भी इसकी नजर रखेंगे।
पार्किंग शुल्क पर समितियों की सहमति नहीं, मुफ्त होना चाहिए – अचिंतम
इस पर, दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष अचिंतम गुप्ता ने कहा कि बिहार और झारखंड में देवी भक्तों से पूजा के दौरान पार्किंग शुल्क कभी नहीं लिया जाता है, बल्कि कमेटियां स्वयं ही सभी व्यवस्थाएँ कराती हैं। बिहार में तो कावड़ियों के लिए रहने-खाने की भी व्यवस्था की जाती है, लेकिन जमशेदपुर में दुर्गा पूजा को कमाई का साधन बनाने के लिए पार्किंग शुल्क क्यों लिया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने आज जो पार्किंग शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है, उससे केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति सहमत नहीं है। केंद्रीय समिति, जिला प्रशासन, और शांति समिति के साथ अगली बैठक में इस बारे में चर्चा की जाएगी। पार्किंग की व्यवस्था मुफ्त और व्यवस्थित होनी चाहिए।
विसर्जन घाटों पर व्यवस्था को ठीक करें: महासचिव
इस बैठक में, केंद्रीय पूजा समिति के महासचिव ने उपायुक्त को पूजा पंडाल के आसपास स्लैग की व्यवस्था, पानी और बिजली सहित विसर्जन घाटों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूजा कमेटी के बढ़ते हुए घाटों पर रात के अंत तक विसर्जन होता है, इसलिए इसके लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। टेल्को थाना क्षेत्र के हुरलुंग घाट पर पर्याप्त व्यवस्था की कमी होने के कारण प्रतिमा को नीचे उतारने में कठिनाई होती है।
बिरसानगर भोजपुर घाट में नीचे उतरने के लिए सीढ़ी बनाई जा रही है, ताकि प्रतिमा को उतारने में कोई दुर्घटना नहीं हो। इसके अलावा, यदि संभावना हो, तो प्रतिमा को उतारने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है। सुंदरनगर और परसुडीह के विसर्जन घाट नरवा घाट पर होते हैं, और इनकी देखभाल यूसिल द्वारा की जाती है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद, इन घाटों पर किसी तरह की सफाई या मरम्मत नहीं की गई है। गोलपहाड़ी पूजा पंडाल के पूजा स्थल पर कई गड्ढे खुदाई गए हैं।
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