झारखंड के जमशेदपुर जिले में डेंगू के एक नए और अद्वितीय वेरिएंट की खबरें आ रही हैं, जिससे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। इस नए वेरिएंट के कारण 11 लोगों की मौत हो चुकी है, और यह मामला सरकारी स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चुनौती है।
मंगलवार को झारखंड के रांची से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने जमशेदपुर का दौरा किया, ताकि इस स्थिति को समझ सकें और आवश्यक कदम उठा सकें। इस टीम में रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) के डॉक्टर्स भी शामिल थे।
टीम ने डेंगू मरीजों की मौत के कारणों की जांच की और पाया कि इसमें छह मरीज थे जिन्होंने डेंगू के साथ-साथ अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे। दो मरीजों की मौत डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण हुई थी, जो कि डेंगू के संक्रमण के बाद गंभीर हो सकता है।
टीम ने इसके अलावा डेंगू के इस नए वेरिएंट को भी पहचाना, जो अन्य वेरिएंटों से अलग होने का सुझाव देता है। इस वेरिएंट का वायरस तेजी से मल्टी आर्गन को डैमेज कर रहा है, जिससे मरीजों की स्थिति गंभीर हो रही है।
इस समस्या को समझने और उसके खतरों को कम करने के लिए, स्वास्थ्य विभाग ने भुवनेश्वर में सैंपल की जांच करने का निर्णय लिया है।
डॉक्टर्स ने बताया कि डेंगू के अलग-अलग वेरिएंट्स हो सकते हैं, और इसलिए इस नए वेरिएंट की जांच जरूरी है।
रोकथाम के उपायों की जानकारी
टीम ने स्थानीय डेंगू रोकथाम के उपायों की भी जांच की, और यह देखा कि डेंगू को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने जांच की कि किन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं और वहां पर कैसे उपाय किए जा रहे हैं।
डेंगू के मरीजों के घरों में कोल्ड फॉगिंग का काम किया जा रहा है, और आसपास जांच भी हो रही है। स्थानीय विभाग द्वारा घरों की जांच की जा रही है और लार्वा की जांच का डाटा तैयार किया जा रहा है। इस समय, झारखंड में फॉगिंग के लिए 18 मशीनें उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग घरों में की जा रहा है।
झोलाछाप चिकित्सकों का इलाज
जमशेदपुर में डेंगू के मरीजों का झोलाछाप चिकित्सक भी इलाज कर रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में वे डेंगू मरीजों को स्टेरायड्स और हाई एंटीबायोटिक्स दे रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है।
आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) जमशेदपुर शाखा ने इस पर कार्रवाई की मांग की है और झोलाछाप चिकित्सकों की सूची को जिला प्रशासन को सौंपा गया है, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
झारखंड के एक छोटे से गांव, शंकोसाई के खड़िया बस्ती में रहने वाली डेंगू पीड़ित प्रियंका कुमारी का पहले झोलाछाप चिकित्सक ने ही इलाज किया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ी तो परिजनों ने उसे टीएमएच ले जाया, जहां उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर्स ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी की स्थिति खराब हो तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल, या फिर एमजीएम (एमर्जेंसी) जाएं, और अगर निजी चिकित्सक के पास जाते हैं तो उनसे उनकी डिग्री की जाँच करें।
हेल्पलाइन नंबर
डेंगू से निपटने के लिए मानगो नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर (8580357379) जारी किया है, जिस पर जलजमाव, डेंगू से संबंधित शिकायत तथा एंटी लार्वा छिड़काव आदि के लिए संपर्क किया जा सकता है। इस हेल्पलाइन के जरिए आई शिकायतों का निपटारा 24 घंटे के भीतर करने का प्रयास किया जाएगा।
8 नए मरीज
मंगलवार को झारखंड के जमशेदपुर जिले में डेंगू के 8 नए मरीज मिले हैं, जिससे डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या एक हजार के पार हो गई है। इन मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में हो रहा है।
जिले में अबतक 7372 लोगों की जांच हो चुकी है, जिसमें से 1002 डेंगू के पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इस समय 275 मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है, जिसमें 10 आइसीयू, 265 का नॉर्मल वार्ड में भर्ती हैं। मंगलवार को 65 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
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