बेल्डीह क्षेत्र में स्थित चर्च स्कूल के एक सातवीं कक्षा के छात्र ने ऑनलाइन वीडियो गेम के चक्कर में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार की रात को हुई और उसके पिछले कुछ घंटों में वह इंस्टाग्राम पर कई डरावनी तस्वीरें भी पोस्ट कर चुका था। इसके परिणामस्वरूप, छात्र की मां ने उसे फांसी पर लटका हुआ पाया और तुरंत अस्पताल में ले जाकर मृत घोषित कर दिया।
छात्र की मां ने तीज का व्रत रखा था और सोमवार की रात को वे अपने बेटे के कमरे में डाब लाने गईं, जहां उन्होंने दरवाजा खटखटाने की कोशिश की। दरवाजा नहीं खुला, इसके बाद स्वजनों ने दरवाजा तोड़ा और देखा कि उनका बेटा फांसी पर लटका हुआ था।
शौर्य के इंस्टाग्राम पर पोस्ट से मिलते हैं कई इशारे
घटना से दस घंटा पहले, छात्र ने इंस्टाग्राम पर अपनी खुद की कहानी के चार स्टेप पोस्ट किए थे। चौथे स्टेप यानी फाइनल स्टेप के बाद, जब उसके हाथ में खून की तस्वीर दिखाई दी, तो उसके घर के दूसरे सदस्यों को भी इसकी जानकारी मिल गई। उसकी मां ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और उसे अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
शौर्य के इंस्टाग्राम पोस्ट में किये गए कुछ इशारे हैं, जिनसे उसके अंदर के दुख का पता चलता है
इंस्टाग्राम पोस्ट के बाद, पुलिस भी इस मामले में जांच करने के लिए कार्रवाई कर रही है। छात्र के एक फॉलोअर छात्रा को भी पुलिस खोज रही है, जिसने दो स्टेप के बाद अपने आपको असफल बताया था, और इसकी पोस्ट में उसका डीबीएमएस कदमा स्कूल का प्रमाण पत्र भी मिला है।
साकची पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है और इसका परिणामस्वरूप प्रमुख आरोप के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इंटरनेट वीडियो गेम के प्रभाव के साथ खेलने से जुड़ी भारत में बढ़ रही चिंता
शौर्य का इंटरनेट पर कुछ समय से ‘अटैक आन टाइटन’ सीरीज को खेलने का शौक था, जिसका प्रभाव उसके जीवन पर दिखाया गया हो सकता है। ‘अटैक आन टाइटन’ एक पॉप्युलर ऑनलाइन वीडियो गेम है, जिसमें खिलाड़ियों को वीरता के साथ लड़ने का अनुभव मिलता है।इसके पीछे के कारण और घटना के विवादित स्वरूप को जांचने के लिए स्थानीय पुलिस ने कदम उठाया है।
साकची थाना प्रभारी, संजय कुमार ने बताया कि इस मामले में एक ऑनलाइन गेम के प्रभाव का संदेह है, लेकिन अभी तक इस गेम के बारे में और अधिक जानकारी नहीं है।
ऑनलाइन वीडियो गेमों के प्रभाव पर चर्चा
इस घटना ने फिर से चर्चा में आया है कि ऑनलाइन वीडियो गेमों के प्रभाव को कैसे महसूस किया जा सकता है, खासकर छात्रों पर। इसके लिए बच्चों को और उनके माता-पिता को वीडियो गेमों के संभावित प्रभावों के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण है, और अगर वे लगता है कि उनका बच्चा इसके प्रभाव में है, तो वे उनकी मदद के लिए सही सलाह और समर्थन प्रदान करें।
इसके अलावा, ऑनलाइन गेमों के प्रभाव से जुड़े अदालती मामलों की निगरानी और जाँच में मदद कर सकती है, ताकि ऐसे मामलों को समय पर और सही तरीके से संज्ञान में लिया जा सके।
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