बॉलीवुड में एक दो नहीं कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके आमिर खान किसी भी अवॉर्ड फंक्शन का हिस्सा नहीं होते हैं? जानते हैं क्यों? क्योंकि आज से 31 साल पहले कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बाद उन्होंने ये प्रण ले लिया था कि वह किसी भी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाएंगे. ऐसा क्यों हुआ था. इसके पीछे के वजह साल 1992 में अनिल कपूर की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म और डिंपल कपाड़िया है.
क्या है वो कहानी आपको बताते हैं… साल 1992 में अनिल कपूर और आमिर खान की दो अलग-अलग फिल्में रिलीज हुईं. इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं फिल्म के रिलीज के बाद कुछ ऐसा हो गया कि आमिर के मन में खट्टा हो गया और आमिर ने अवॉर्ड फंक्शन में जाने से ही तौबा कर लिया.
दरअसल, अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, अरुणा ईरानी, अनुपम खेर जैसे दिग्गज कलाकार से सजी फिल्म बड़े पर्दे पर आई, जिसका नाम था ‘बेटा’. इंद्र कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बेटा’ रिलीज हुआ और पर्दें पर छा गई. इस फिल्म को बनाने में 3 करोड़ मेकर्स ने लगाए थे और फिल्म ने बंपर कमाई करते हुए 24 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. कमाई के साथ ही फिल्म बेटा को कई बड़े अवॉर्ड फंक्शन में सम्मानित किया गया. उस साल आयोजित फिल्म फेयर अवॉर्ड में इसने पांच पुरस्कार जीते थे.
साल 1992 में ही आमिर खान की फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन किया था. इस हिट फिल्म को मंसूर खान ने डायरेक्ट किया था. फिल्म को बनाने के लिए 2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. वहीं, फिल्म से वर्ल्ड वाइड 6.60 करोड़ का कलेक्शन हुआ था. क्रिटिक्स ने फिल्म में आमिर के अभिनय की सराहना की थी तो उन्हें उम्मीद थी कि बेस्ट एक्टर का खिताब उनको ही मिलेगा.
वह बस एक अवॉर्ड सेरेमनी में दिखे थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वो भी लता मंगेशकर के बुलावे पर, उनके गेस्ट बनकर. ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि आमिर खान के किसी अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाने के पीछे असली वजह अनिल कपूर और उनकी फिल्म ‘बेटा’ ही थी.
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