नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा पत्र में रूस के यूक्रेन युद्ध के बाबत बहुत तीखी भाषा इस्तेमाल नहीं की गई. असल में भारत ने अमेरिका और यूरोप को रूस के प्रति नर्म भाषा इस्तेमाल करने पर सहमत किया. नई दिल्ली को पता था कि वैश्विक कर्ज, खाद्य सुरक्षा और जलवायु संबंधी मुद्दों की फाइनेसिंग जैसे मसले गरीब देशों को परेशान कर रहे हैं. ऐसे में इन देशों की चिंताओं को ख्याल रखते हुए एक सहमति बनानी जरूरी थी.
दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने बिना किसी विरोध के आधिकारिक रूप से साझा घोषणा पत्र को स्वीकार किया. दिल्ली में सामने आए इस दस्तावेज में रूस को लेकर जो भाषा थी, वो 2022 के बाली डिक्लेरेशन से कहीं ज्यादा नर्म थी. बाली के घोषणा पत्र में यूक्रेन के खिलाफ क्रेमलिन के युद्ध की कड़ी निंदा की गई थी. नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन पर रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने संतोष जताते हुए कहा, “हम सम्मेलन के यूक्रेनीकरण के पश्चिमी एजेंडे को टालने सके.”
विश्लेषक कहते हैं कि भारत, ग्लोबल साउथ और पश्चिमी देशों के साथ साझेदारियां बढ़ाकर खुद को मजबूती से चीन के बढ़ते प्रभाव के सामने पेश कर रहा है. एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो सी राजा मोहन कहते हैं, “भारत का मुख्य मतभेद आज चीन से है. रूस तो एक विरासत वाली समस्या है, जिससे संभाला जाना है. भारत का बैलेंसिंग एक्ट, एशिया में नई सुरक्षा व्यवस्था पैदा करना है. इस मामले में रूस, भारत की बहुत कम मदद कर सकता है.”
जी-20 फोरम ने बीजिंग के ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधित्व के दावे को कमजोर किया है. खास तौर पर भारत-मध्य पूर्व- यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के एलान ने. इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का प्रतिद्वंद्वी कहा जा रहा है. सी राजा मोहन ने डीडब्ल्यू से कहा, “भारत के लिए, पश्चिम सबसे अहम कारोबारी साझेदार है, पूंजी और तकनीक का दिग्गज स्रोत, और प्रवासी भारतीयों का मुख्य ठिकाना. चीन की तरफ से बढ़ रही चुनौती से निपटने के लिए जी-7 से सहयोग भारत के लिए बहुत अहम है.”
जर्मनी में भारत के राजदूत रह चुके गुरजीत सिंह के मुताबिक, भारत “विभाजित विश्व को जोड़ने की भूमिका” निभा रहा है. डीडब्ल्यू से उन्होंने कहा, “ग्लोबल साउथ और जी-7 के बीच अग्रणी वार्ताकार के रूप भारत की बढ़त दिखाई पड़ रही है. नोट करने वाली अहम बात ये भी है कि पश्चिम और रूस को जोड़ने की क्षमता यहां मौजूद है और उसे चुपचाप इस्तेमाल किया गया है, इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं किया गया है.”
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