झारखंड सरकार पुलिस अधिकारियों के प्रमोशन के लिए एप्रेजल आधारित व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। अब हर साल लिखी जाने वाली एसीआर (वार्षिक गोपनीय अभियुक्ति) की प्रक्रिया बदलेगी।
अब तक बड़े अधिकारी अपनी मनमर्जी से नीचे के अफसरों का एसीआर लिखते थे। पर, अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। वे अब एक साल में किए गए कामों का अप्रेजल करेंगे। विधि व्यवस्था संचालन, अनुसंधान और सुपरविजन में किए गए प्रदर्शन के आधार पर रिमार्क देंगे और ग्रेडेशन करेंगे।
अप्रेजल के आधार पर ही अधिकारी एसीआर लिखेंगे। जिन पुलिस अफसरों का एसीआर बेहतर हाेगी, उनका प्रमोशन होगा। नकारात्मक टिप्पणी वाले का प्रमोशन राेक दिया जाएगा। प्रमोशन नीति में होने वाले इस बदलाव का प्रस्ताव गृह विभाग ने तैयार कर लिया है। इसे कार्मिक विभाग काे भेजा गया है। कार्मिक विभाग व विधि विभाग की मंजूरी के बाद इसे राज्य कैबिनेट से पास कराया जाएगा।
विधि व्यवस्था, जांच व सुपरविजन केस के आधार पर ग्रेडिंग
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की एसीआर अभी एक पन्ने में तैयार हाेती है। जिसमें सीनियर अफसर अच्छा या बेहतर जैसा रिमार्क देते हैं। लेकिन, नए प्रस्ताव के अनुसार एसीआर फॉर्म में यह शामिल रहेगा कि एक साल में पुलिसकर्मी को सुपरविजन के कितने मामले मिले, अनुसंधान के लिए कितने केस मिले और विधि व्यवस्था से संबंधित कितनी जिम्मेदारियां मिलीं।
पुलिस अफसर ने इन जिम्मेदारियाें में कैसे और कितना निभाया। इस दाैरान उनकी कार्यशैली कैसी रही। काम का मूल्यांकन एसीआर फॉर्म में भरा जाएगा। इसी आधार पर एसीआर में रिमार्क और ग्रेड मिलेगा।
रिमार्क लिखने वाले अफसराें का भी बढ़ेगा दायित्व
राज्य सेवा के अफसराें काे जाे जिम्मेदारी दी गई है, उसके प्रति सीनियर अधिकारियों से कितना मार्गदर्शन मिला इस पर सरकार की नजर रहेगी। अगर जूनियर अफसर काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, ताे उस समय सीनियर अफसराें ने क्या निर्देश दिया, यह भी देखा जाएगा। इससे सीनियरों का भी दायित्व बढ़ेगा। इसलिए, अब सभी पुलिस अफसराें काे बेहतर रिमार्क हासिल के लिए बेहतर प्रदर्शन करना हाेगा।
बिहार व प्रशासनिक सेवा की प्रक्रिया जानने के बाद हुआ फैसला
प्रमोशन नीति का प्रस्ताव तैयार करने से पहले बिहार पुलिस सेवा और प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए एसीआर लिखने की व्यवस्था का भी अध्ययन किया गया है। राज्य पुलिस सेवा के झारखंड में करीब 350 से ज्यादा पद सृजित हैं। नई प्रक्रिया लागू होने पर सभी पुलिस अधिकारी इसके दायरे में आएंगे।
एसीआर खराब होने से अफसरों का आईपीएस में रुकता है प्रमोशन
राज्य पुलिस सेवा के अफसराें के लिए आईपीएस में प्रमोशन के लिए सीट आरक्षित हैं। झारखंड में 45 पद आरक्षित हैं। हाल के दिनों में राज्य के 24 अफसराें काे आईपीएस में प्रमोशन मिली है। एसीआर बेहतर नहीं हाेने पर आईपीएस में प्राेन्नति का रास्ता कठिन हाे जाता है। एेसे में यह तय है कि प्राेन्नति में एसीआर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। अगर प्रदर्शन के आधार पर एसीआर में रिमार्क मिलने लगेगा, ताे राज्य के पुलिस अफसराें का प्रदर्शन भी बेहतर हाेगा। राज्य में विधि व्यवस्था भी दुरुस्त हाेगी।
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