कम बारिश के कारण इस बार खेती-बाड़ी पीछे है। अगस्त में 10% अधिक बारिश हुई। ऐसा कृषि विभाग का दावा है। इसके बावजूद 29 प्रतिशत धान की खेती कम हुई है। सिर्फ धान की खेती नहीं, दूसरी प्रमुख फसल मक्का का फसल आच्छादन भी मात्र 43 प्रतिशत भूमि पर ही हुआ। दलहन 20 और मोटे अनाज लगाने का प्रतिशत भी सात पर सिमट गया। तेलहन की फसल तो लक्ष्य की तुलना में करीब आधा प्रतिशत ही रही। इसका खुलासा एक सितंबर को जिला कृषि पदाधिकारी की ओर से कृषि निदेशालय को भेजी गई रिपोर्ट में हुआ है। संभव है कल को यह रिपोर्ट ही जिले में सूखे की स्थिति के आकलन का आधार बनेगी।
जिला कृषि पदाधिकारी की ओर से भेजी गई मासिक वर्षापात रिपोर्ट में भी कई उल्लेखनीय तथ्य हैं। जून में मात्र 39.3, जुलाई में 83.6 और अगस्त में 110.7 प्रतिशत बारिश होने का उल्लेख है। इसके बावजूद खरीफ सीजन के दौरान लक्ष्य की तुलना में मात्र 59.55 प्रतिशत जमीन पर ही खेती हो सकी। जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार नियमित और सही समय पर बारिश नहीं होने के कारण फसल आच्छादन अपेक्षित मात्रा में नहीं हो सका।
फसल लक्ष्य आच्छादन प्रतिशत
धान 1.10 लाख 78383 71.26
मक्का 11,820 5105 43.19
दलहन 22,200 4458 20.08
तेलहन 2650 16 0.59
मोटे अनाज 1190 84 7.06
कुल 1,47,860 88,046 59.55
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