कोरोना वायरस महामारी ने इन 10 देशों को छोड़कर, दुनिया के लगभग हर देश में अपना असर दिखाया हैl
क्या ये देश वाक़ई कोविड-19 से बेअसर रहे? और सवाल यह भी है कि ये अब कर क्या रहे हैं?
कौन से देश में है कोरोना के शून्य मामले?
कुछ देश कोरोना के शून्य मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैंI
1. कुक द्वीपसमूह: 15 द्वीपसमूहों वाला यह देश दक्षिणी प्रशांत में स्थित है जो न्यूजीलैंड से 3200 किलोमीटर दूर है। कुक द्वीपसमूह में आने वाले विदेशियों के लिए क्वारंटाइन रहना अनिवार्य है। क्रूज जहाजों सहित अन्य नौकाओं के भी आने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
2. माइक्रोनेशिया: माइक्रोनेशिया 600 से अधिक द्वीपों से बना है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यहां कोरोना के एक भी मामले नहीं आए हैं। अमेरिका, चीन और जापान ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान माइक्रोनेशिया की मदद भी की।
3. किरिबाती: 32 प्रवाल द्वीपों, वृत्ताकार कोरल रीफ और लाइमस्टोन द्वीप समूह मिलकर किरिबाती को एक देश बनाते हैं। यह हवाई से 3200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। किरिबाती सबसे शुरुआती दिनों में यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों में शामिल है। इसके चलते कुछ मुट्ठी भर एयरलाइंस ही इस दूरस्थ राष्ट्र की यात्रा करती हैं।
4. नाउरु: नाउरु आकार के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे छोटा देश है। यह सिर्फ आठ वर्ग मील में फैला है। इसकी आबादी लगभग दस हजार के करीब है। नाउरु ने भी अपने पड़ोसी द्वीप राष्ट्रों किरिबाती के समान ही यात्रा प्रतिबंधों के माध्यम से कोरोना वायरस पर अब तक काबू पाया है।
5. नियू: नियू द्वीप न्यूजीलैंड से 2400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। द्वीप राष्ट्र नीयू दुनिया के सबसे बड़े प्रवाल द्वीपों में से एक है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए नियू को न्यूजीलैंड लगातार सहायता मिलती है।
6. उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया अपनी सीमा चीन और दक्षिण कोरिया के साथ साझा करता है। इसलिए कई लोगों का मानना है कि यहां कोरोना का एक भी मामला नहीं होना असंभव है। लेकिन उत्तर कोरिया ने आधिकारिक तौर पर एक भी कोरोना के मामलों की पुष्टि नहीं की है। 2.5 करोड़ आबादी वाले उत्तर कोरिया ने सख्त लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों को लागू किया है। साथ ही अपनी सीमा को भी बंद कर रखा है।
7. पिटकेर्न द्वीप समूह: पिटकेर्न द्वीप चार ज्वालामुखी द्वीपों का एक समूह है जो प्रशांत महासागर में एकमात्र ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र है।यह द्वीप एचएमएस बाउंटी के नाविकों के वंशजों द्वारा बसाया हुआ है। कोरोना मामलों की कोई रिपोर्ट नहीं होने के बावजूद अमेरिकी सरकार ने द्वीपों पर संक्रामक रोगों के संबंध में उच्च जोखिम की चेतावनी दी है।
8. सेंट हेलेना: साउथ अटलांटिक महासागर में बसा ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना आइलैंड है। यह अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी पर स्थित है। सेंट हेलेना का अपना ऐतिहासिक महत्व भी है। इसकी खोज सबसे पहले पुर्तगालियों द्वारा 1502 में की गई थी। जिस पर 17वीं सदी के दौरान ब्रिटेन ने कब्जा जमा लिया। इस आइलैंड पर अंग्रेजों ने फ्रांस के शासक रहे नेपोलियन बोनापार्ट को भी बंधक बना कर रखा था।
9. तोकेलाऊ: दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है। तोकेलाऊ, न्यूजीलैंड पर आश्रित है। तीनों प्रवाल द्वीपों का कुल क्षेत्रफल चार वर्ग मील है। यहां पर कोई एयरपोर्ट नहीं है। तोकलाऊ जाने के लिए एकमात्र साधन समुद्री जहाज है। लगभग 1,500 निवासियों की आबादी वाला तोकेलाऊ खुद को अक्षय ऊर्जा से पूरी तरह से संचालित होने वाला पहला राष्ट्र बताता है।
10.तुर्कमेनिस्तान: मध्य एशिया में स्थित तुर्कमेनिस्तान में कोरोना महामारी का नहीं पहुंचना कई सवाल खड़े करता है। क्योंकि इसकी सीमा से लगे सभी देशों में कोरोना का भयंकर प्रकोप देखा जा सकता है। हालांकि, तुर्कमेनिस्तान ने अब कोरोना के एक भी मामलों की पुष्टि नहीं की है।देश में व्यावसायिक यात्रा, सामूहिक धार्मिक आयोजनों को प्रतिबंधित कर दिया है और सामाजिक दूरी और मास्क पहनने को प्रोत्साहित किया है।
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