शहर और आसपास के इलाके के निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड लेकर लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उनका इलाज नहीं हो रहा। आखिरकार उन्हें शहर के एमजीएम अस्पताल से रांची के रिम्स रेफर करना पड़ रहा है।
कोल्हान में लगभग 35 निजी अस्पताल हैं, जो आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। आुयष्मान योजना के तहत इन अस्पतालों का 6.5 करोड़ रुपये तक बकाया है। इसके चलते अधिकतर अस्पताल गरीबों का इलाज कराने से इनकार कर देते हैं। पांच लाख रुपये का कार्ड लेकर लोग अस्पतालों में इलाज के लिए दर-दर भटकते रहते हैं। कैंसर सहित गंभीर बीमारियों का किसी अस्पताल में इलाज नहीं होता है तो लोग सदर अस्पताल या एमजीएम अस्पताल जाते हैं, जहां से उन्हें रिम्स रांची के लिए रेफर कर दिया जाता है।
कई दिनों तक भटकती रही बारीडीह की तन्नु
ब्रेन में ट्यूमर की शिकायत के बाद शहर के कई अस्पतालों में भटकने वाली बारीडीह की मरीज तन्नु कुमारी को कोई राह नहीं दिखी तो वह एमजीएम अस्पताल पहुंची और वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया। इसी तरह हड्डी रोग से पीड़ित बिरसानगर निवासी रामेश्वर यादव आयुष्मान कार्ड लेकर विभिन्न अस्पतालों में दौड़ते रहे, लेकिन इलाज संभव नहीं हुआ तो वे भी एमजीएम से रेफर करवाकर रिम्स चले गए।
जिला परिषद की बैठक में पार्षदों ने उठाई मांग
जिला परिषद की बैठक में परिषद सदस्यों ने आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं होने के बारे में आवाज उठाई और कहा कि लोगों की परेशानी खत्म नहीं हो पा रही है। कोई भी अस्पताल इलाज के लिए तैयार नहीं हो रहा है।
आयुष्मान योजना के तहत हर बीमारी के लिए अलग-अलग अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है। यदि किसी को परेशानी हो रही है तो वे उनके कार्यालय में संपर्क करें, वे कोई तरकीब निकालकर इलाज की व्यवस्था कराएंगे। डॉ. जूझार माझी, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!